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पेट की आग बुझाने की खातिर चुराया गेहूं

पेट की आग बुझाने की खातिर चुराया गेहूं

बेतुल के राजेश आदिवासी से जब भूख बर्दाश्‍त नहीं हुई, तो उसने गावं के एक साहूकार के घर घुसकर दो बोरी गेहूं चुरा लिए. जहां एक और गेहूं खुले में सड़ रहा है, वहीं कहीं पेट की भूख के चलते लोग गेहूं चुराने लगे हैं.  

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