पुणे के RTI एक्टिविस्ट प्रफुल्ल सारडा ने RTI के जरिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2004 से 2018 तक अधिवेशन पर किए जाने वाले खर्चे का लेखा-जोखा मांगा. उनके मुताबिक जो जानकारी उन्हें सरकार की ओर से 2012 से 2018 तक अधिकारिक रूप में मिली है, वो चौंकाने वाली है. देखिए आजतक संवाददाता पंकज खेलकर की ये रिपोर्ट.