संघ मुलायम हो रहा है. कट्टर चेहरा नरम पड़ रहा है. पहली बार आरएसएस को मुस्लिम समुदाय की फिक्र सता रही है. अबतक जिनके खिलाफ आग उगलते थे, अब उनके समर्थन में आगे आए हैं. शक ये है कि चुनावी मौसम में कही भगवा पर भी चुनावी रंग तो नहीं चढ़ रहा.