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भारतीय समाज को ज्यां द्रेज कैसे समझते हैं?

भारतीय समाज को ज्यां द्रेज कैसे समझते हैं?

 ज्यां द्रेज 1959 में बेल्जियम में पैदा हुए थे. पिता जैक्वेस ड्रीज अर्थशास्त्री थे. ज्यां 20 साल की उम्र में भारत आ गए. 1979 से भारत में ही रह रहे हैं. भारत की नागरिकता उन्हें 2002 में मिली. इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली से अपनी पीएचडी पूरी की है. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स सहित देश-दुनिया की कई यूनिवर्सिटी में पिछले 30 साल से विजिटिंग लेक्चरर हैं. अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन के साथ मिलकर भी कई किताबें लिख चुके हैं. इसके अलावा ज्यां के लिखे 150 से ज्यादा एकेडमिक पेपर्स, रिव्यू और अर्थशास्त्र पर लेख अर्थशास्त्र में दिलचस्पी रखने वालों की समझ बढ़ाने के लिए काफी हैं. वो भारत में भूख, महिलाओं के मुद्दे, बच्चों का स्वास्थ्य, शिक्षा और स्त्री-पुरुष के अधिकारों की समानता के लिए काम कर रहे हैं.

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