बिहार चुनाव से पहले सभी दल और गठबंधन अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने और खेमेबंदी मजबूत करने के लिए कमर कस चुके हैं. गठबंधन की बात करें तो JDU-BJP-LJP नीतीश कुमार की अगुवाई में हैं तो तेजस्वी यादव के चेहरे के पीछे RJD-CONGRESD और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLSP हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव की खेमेबंदी भी ठीक यही थी. इसके अलावा जीतन राम मांझी की पार्टी HAM, मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी, शरद यादव की पार्टी समेत कई छोटे दल भी इन्हीं दोनों खेमों में बंटे हुए दिख रहे हैं. तो चलिए बताते हैं आपको कि अगर बिहार में लोकसभा चुनाव जैसी ही वोटिंग हुई तो इस बार बिहार में चुनावी तस्वीर क्या होगी.