क्या अफसोसनाक इत्तेफाक है ये. आठ साल पहले जिसने मुंबई को सबसे बड़ा जख्म दिया, आठ साल बाद उसी कातिल का हिसाब करने की बजाए पाकिस्तान उसे आजादी का जश्न मनाने का मौका देता है. आठ साल पहले का 26-11, ये तारीख गम और गुस्से की ऐसी कशमकश का नाम है जो बेचैन करती है. ये दिन मुंबई की आंखों में ठहरे हुए आंसू की तरह है. ये आंसू आंखों से तब बाहर आएंगे जब मुंबई के सबसे बड़े गुनहगार हाफिज़ सईद का अंत होगा. देखें- ये पूरा वीडियो.