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लॉकडाउन की मार: रिक्शे पर ही दिल्ली से बिहार के ल‍िए निकला मजबूर परिवार

लॉकडाउन की मार: रिक्शे पर ही दिल्ली से बिहार के ल‍िए निकला मजबूर परिवार

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन ने करोड़ों लोगों को सड़क पर खड़ा कर दिया है और जो पहले से सड़क पर थे उन्हें उजाड़ दिया है. रोजी-रोटी के लिए अपने-अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने वाले हजारों मजदूर जैसे तैसे वापसी के लिए रवाना हो चुके हैं. कोई पैदल जा रहा है, कोई साइकिल से तो कोई रिक्शे से ही चल पड़ा है दिल्ली से मोतिहारी. र‍िक्शे पर हरेंदर महतो पूरे कुनबे को लेकर दिल्ली से मोतिहारी के लिए चल पड़े हैं. पांच लोगों की जिंदगी की समूची गृहस्थी तीन हाथ रिक्शों पर सिमट आई है. पहनने के ओढ़ने का बिछाने का खाने का कमाने का और बचाने का भी. अब सवाल है कि जब कोई घर ही नहीं तो दरवाजा कहां से होगा और दरवाजा ही नहीं तो लक्ष्मण-रेखा कौन सी. पिछले 22 तारीख से काम नहीं मिला था. कहां से खऱीदते 21 रोज का सामान और किसी तरह आ भी जाता तो रखते कहां. ये परिवार तीन रिक्शों पर दिल्ली से मोतिहारी के लिए रवाना होगा. 1018 किलोमीटर. आपकी आंखें फैल गई होंगी. रिक्शे से लगातार भी चलते रहे और किसी ने नहीं रोका तो भी पांच से सात दिन और पांच रात लगेंगे पहुंचने में और अगर रोक लिया तो?

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