मुंबई में जरूरतमंद लोगों को सस्ते मकान देने का सपना तो दिखाया गया लेकिन जब मकान देने की बारी आई तो उस पर कब्जा नेताओं का हो गया. बात हो रही है मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोटे की जिसके तहत नेताओं और उनके रिश्तेदारों को पॉश इलाकों में कौड़ी के दाम फ्लैट्स बेचे गए.