महंगाई से जूझ रही जनता को सी. रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट ने रातों-रात अमीर बना दिया है. कमेटी की रिपोर्ट में गांव में 32 रुपये और शहर में 47 रुपये खर्च करने वाले को गरीबी रेखा से ऊपर बताया है. यानी गरीबी की नई परिभाषा ने एक बार फिर गरीबी का मजाक बना दिया है.