केन्द्र की यूपीए ने आत्मसमर्पण कर दिया है. सरकार नीति और शासन के मुद्दों पर जनहित का ख्याल कम अपने सहयोगियों की राय को ज्यादा अहमियत देती है. केन्द्रीय रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा इसका सबूत है. पीएम और एफएम ने बजट की तरीफ की पर ममता का दबाव पड़ते ही उन्होंने त्रिवेदी को बाहर का रास्ता दिखा दिया.