एक तरफ़ रूपए की कमज़ोरी रुला रही है. दूसरी ओर लोग महंगाई से हाय-हाय कर रहे हैं, लेकिन इससे अलग भी एक तस्वीर उभर रही है जिससे सब्ज़ी उगाने वाले किसान मुश्किल में पड़ गए हैं. पैदावर तो बंपर हुई लेकिन खपत उतनी है नहीं. नतीजा बाक़ी चीज़ों के दाम बढ़ रहे हैं लेकिन सब्ज़ी उगाने वाले किसान मंदी की मार झेल रहे हैं.