राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केदारनाथ के तीर्थयात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर सुविधा के लिए पर्यावरण मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भेजा है. एनजीटी ने सरकार से इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए नोटिस मांगा है.
एनजीटी ने हेलिकॉप्टरों के नियमित संचालन से जीव-जंतुओं और वनस्पतियों पर मंडरा रहे खतरे के बारे में एक एनजीओ के चिंता प्रकट करने पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, राज्य सरकार, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड और अन्य से दो सितंबर तक जवाब मांगा है. यह मामला अधिकरण के समक्ष सूचीबद्ध मामलों पर सुनवाई शुरू होने से पहले पीठ के सामने पेश किया गया.
रूद्रपयाग में केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए 16 किलोमीटर पैदल चलने को अनिच्छुक लोग वहां तक पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर लेते हैं. पर्यावरण समिति ने दलील दी कि तीर्थाटन के लिए इस क्षेत्र हेलिकॉप्टर के संचालन से केदारनाथ अभयारण्य की पारिस्थितिकी और जीव जंतु पर बहुत बुरा असर डाला है.
वकील गौरव बंसल ने कहा कि एक शीर्ष वन अधिकारी ने भी हेलीकॉप्टर से अभयारण्य पर पड़ने वाले प्रभाव का वाला देते हुए अधिकारियों का पत्र लिखा है. हेलिकॉप्टर सेवा के तहत कस्तूरी मृग और जंगली बकरियां अपना पर्यावास छोड़कर चली गईं. हेलीकॉप्टरों के शोर शराबे के चलते इन संकटापन्न जानवरों के प्रजनन पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है.
इनपुट भाषा