उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी. (Photo: PTI) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार दोपहर भारी बारिश के बाद खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने धराली कस्बे में भारी तबाही मचा दी. 8,600 फीट की ऊंचाई पर बसे इस पर्यटक स्थल में तेज बहाव ने बाजार, होटल और आवासीय इमारतों को पलभर में बहा दिया.
चश्मदीदों के वीडियो में देखा गया कि विशाल लहरें इलाके में तेजी से फैलते हुए लोगों और घरों को अपने साथ बहा ले गईं. हादसे में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है. 11 जवान भी लापता है.. लगभग 25 होटल, गेस्ट हाउस और घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं.
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. इस बीच हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर समेत रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ बारिश को लेकर अलर्ट मोड पर है.
उत्तरकाशी जिला आपदा नियंत्रण कक्ष ने धराली में बादल फटने और बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. आपात स्थिति में 01374-222126, 01374-222722 और 9456556431 पर संपर्क किया जा सकता है.
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धराली में आई आपदा में फंसे 13 जवानों को बचा लिया गया है. सभी को उत्तरकाशी के मातली स्थित आईटीबीपी कैंप लाया गया.

इनपुट: मनजीत नेगी
BRO द्वारा मार्ग खोलने का प्रयास लगातार जारी है, लेकिन जैसे ही रास्ता तैयार किया जा रहा है, वो फिर धंस जाता है. इससे रेस्क्यू कार्य में भारी बाधा उत्पन्न हो रही है.
पिछले 24 घंटे से डीएम और एसपी घटना स्थल तक नहीं पहुंच सके थे, जिन्हें अब हेली के माध्यम से भेजा गया है. गंगनानी में BRO का कंक्रीट पुल पूरी तरह बह चुका है, वहां अब किसी प्रकार की मशीनरी से मार्ग नहीं खोला जा सकता. प्रशासन बेली ब्रिज बनाने की योजना पर काम कर रहा है.
हेली ऑपरेशन शुरू, राहत सामग्री पहुंचाई जा रही
सिविल एविएशन के वरिष्ठ अधिकारी IAS डॉ. आशीष चौहान के अनुसार, मौसम ठीक होने पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर हेली ऑपरेशन शुरू किया गया है. देहरादून से प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री भेजी जा रही है और वहां से लोगों को उत्तरकाशी और देहरादून लाया जा रहा है.
धराली आपदा को 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से धराली तक रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पाई है. गंगोत्री धाम में तैनात SDRF की एक टीम जरूर हादसे के कुछ घंटे बाद मौके पर राहत व बचाव कार्य में जुट गई थी.
वर्तमान में धराली में राहत कार्य मुख्य रूप से हर्षिल में तैनात ITBP और भारतीय सेना द्वारा किया जा रहा है. लेकिन प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, हर्षिल स्थित आर्मी कैंप को भी आपदा से गंभीर नुकसान पहुंचा है.
घटना के बाद जिला मुख्यालय से दोपहर दो बजे रवाना हुई रेस्क्यू टीम अब तक धराली नहीं पहुंच पाई है क्योंकि गंगोत्री नेशनल हाईवे दर्जनों स्थानों पर क्षतिग्रस्त है. नेताला और भटवारी के पास भी सड़कें बंद रही थीं. गंगोत्री हाईवे कई जगहों पर भागीरथी नदी के कटाव से पूरी तरह से बह गया है, जिससे रेस्क्यू टीमें और मीडिया भटवारी में ही फंसे हुए हैं.
उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि धराली में आपदा के बाद 190 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. सेना ने दाईं ओर से 120 और बाईं ओर से 70 लोगों को सुरक्षित निकाला. हर्षिल में हेलीपैड डूब गया, कई रास्ते और पुल बर्बाद, बिजली-संचार ठप हैं. सरकार और सेना मिलकर राहत कार्य में जुटी है, मौसम चुनौती बना हुआ है.
धराली की आपदा में घायल सेना के जवानों को उत्तरकाशी के मालती में आईटीबीपी के कैंप में लाया जा रहा है. अभी तक 11 जवानों को बचाया गया है.
उत्तरकाशी में खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश के कारण धराली और दूसरे इलाकों में बचाव कार्य में बाधा आ रही है. भटवाड़ी में दो जगहों पर गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह टूट गया. टूटी हुई सड़कों पर मलबा गिर रहा है.गंगनानी को गंगोत्री हरसिल से जोड़ने वाला पुल बह गया. ऐसे में NDRF कर्मियों पैदल ही गंगनानी के लिए रवाना किया गया. जब तक पुल नहीं जोड़ा जाता तब तक गाड़ियों के जरिए रेस्क्यू टीम के लिए धराली पहुंचना मुश्किल है. (इनपुट्स: आशुतोष मिश्रा)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली आपदा के पीड़ित परिवारों से बुधवार को मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने आपदा में प्रभावित लोगों के परिजनों की हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. इस आपदा ने कई परिवारों को अपार दुख दिया है, हम उनकी पीड़ा को समझते हैं. हमारी सरकार पूरी तरह से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है. आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों को तेजी से संचालित किया जा रहा है. हमारी प्राथमिकता प्रत्येक लापता व्यक्ति की तलाश और प्रभावित परिवारों को पूर्ण सहयोग प्रदान करना है.
उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को आई आपदा ने जमकर कहर बरपाया. खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम की यह खराब स्थिति अगले छह घंटों तक ऐसी ही रह सकती है. आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे. शाम में हल्की बारिश भी हो सकती है.
(इनपुट:कुमार कुणाल)
उत्तरकाशी में अभी भी तेज बारिश हो रही है. इस वजह से राहत-बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं. धराली पहुंचने तक तीन जगह पर राष्ट्रीय राजमार्ग बह गया. दो जगह पर राजमार्ग को फिर से खोलने की तैयारी है. धराली के पास भागीरथी नदी पर बना पुल पूरी तरह बह गया है. उत्तरकाशी के DM ने आज तक से कहा कि अस्थायी पुल बनाने की तैयारी की जा रही है. (इनपुट्स: आशुतोष)
उत्तराखंड सिविल एविएशन अथॉरिटी के सीईओ आशीष चौहान ने बाताय कि हमारे चार से पांच चॉपर तैयार है. जैसे ही मौसम साफ होगा, हम रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाएंमगे. हर्षिल हैलीपैड पानी में डूब गया है.
धराली हादसे के बाद बुधवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं. धामी ने बताया कि अब तक 130 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. उन्होंने रवाना होने से पहले सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया कि उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र के निरीक्षण के लिए रवाना हो रहा हूं. राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है. प्रभावितों को शीघ्र एवं समुचित सहायता पहुंचाने हेतु हम पूर्ण सतर्कता एवं तत्परता के साथ कार्यरत हैं.
धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. एक और शव बरामद किया गया है. पुलिस, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीम राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं.
धराली में मंगलवार को आई आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर मौजूदा स्थिति की जानकारी ली. इस दौरान राहत एवं बचाव कार्य की जानकारी ली गई. धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है. लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके.प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है.
(इनपुट: अंकित शर्मा)
धराली गांव से लगभग 35 किलोमीटर दूर भटवारी इलाके में ग्राउंड जीरो पर मौजूदा आज तक के संवाददाता ने मौजूदा स्थिति से रूबरू कराया. इस आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती मौसम है. मौसम बेहद खराब है. बारिश हो रही है. कई इलाकों में भारी बारिश का भी अलर्ट है. लेकिन धराली गांव तक पहुंचने के रास्ते में इतने लैंडस्लाइड हैं कि एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमों को आगे बढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
अलकनंदा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है. केदारनाथ धाम की यात्रा सुरक्षा को देखते हुए स्थगित की गई है.बागेश्वर, कोटद्वार और पहाड़ी क्षेत्रों में देर रात से बारिश हो रही है. बागेश्वर में गोमती और सरयू दोनों नदियां प्रचंड उफान पर है.
उत्तराखंड में भारी बारिश के रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट के बीच प्रदेश के 9 जनपदों में छुट्टी का आदेश जारी किया गया है. देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पौड़ी, अल्मोड़ा और बागेश्वर जनपद में आज स्कूलों की छुट्टी रहेगी. आदेश के मुताबिक, कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी छुट्टी का ऐलान किया गया है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने और बाढ़ की त्रासदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने CM पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की. उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और राहत और पुनर्वास कार्यों में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है.
उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्य तेज करने के लिए 40वीं बटालियन पीएसी की विशेष आपदा राहत इकाई (E कंपनी) और आईआरबी-II, देहरादून की C कंपनी, कुल 140 कर्मियों के साथ भेजी गई है. इनके अलावा देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी से 160 पुलिसकर्मी और आवश्यक उपकरण भी प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं.
उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा को देखते हुए राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के प्रभावी कोऑर्डिनेशन के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और विशेष पुलिस बल की तत्काल तैनाती के आदेश दिए हैं. आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी और आईजी गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप सहित कई अधिकारी मौके पर भेजे गए हैं.
उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री मार्ग स्थित ऊंचाई पर बसे धराली गांव में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ ने कई घर बहा दिए, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई. सैटेलाइट तस्वीरों में तबाही का पैमाना साफ नजर आ रहा है. हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रेस रिलीज में बताया कि उत्तरकाशी जिले में आपदा राहत और बचाव कार्यों के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से 20 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है. यह धनराशि प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए उपयोग की जाएगी.
उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों के जिलाधिकारियों को रेड अलर्ट जारी किया है. इन क्षेत्रों में प्रशासन को संभावित आपदा से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के जिलाधिकारियों को ऑरेंज अलर्ट के तहत सतर्क रहने और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है. राज्य के संवेदनशील इलाकों में लगातार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है.
उत्तरकाशी बादल फटने की घटना के बाद भारतीय वायुसेना के चिनूक, Mi-17 V5, ALH और चीता हेलिकॉप्टर चंडीगढ़ एयर बेस पर सक्रिय स्टैंडबाय पर हैं. अधिकारियों के मुताबिक, ये हेलिकॉप्टर आवश्यक उपकरण और राहत सामग्री के साथ पूरी तरह तैयार हैं और प्रभावित क्षेत्रों में मौसम साफ होते ही उड़ान भरेंगे. वायुसेना का कहना है कि जैसे ही मौसम की स्थिति अनुकूल होगी, हेलिकॉप्टर तुरंत राहत और बचाव कार्य के लिए रवाना कर दिए जाएंगे.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने के बाद राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है. भारतीय सेना, इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) संयुक्त रूप से अभियान चला रहे हैं. अब तक 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों के अनुसार, स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर लगातार जिला मजिस्ट्रेट और एसएसपी से संपर्क में है ताकि हालात पर नजर रखी जा सके और आवश्यक संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जा सकें.
उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हो रही भारी बारिश का मुख्य कारण मानसून ट्रफ और अपर-लेवल वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का संयुक्त असर है. हिमालय की तराई पर स्थित मानसून ट्रफ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी खींचकर बादल बनाती है और बारिश कराती है, वहीं, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस ऊपरी वायुमंडल में हवा के उठाव को और तेज करता है, जिससे बारिश की तीव्रता बढ़ जाती है. इन दोनों मौसम प्रणालियों के मेल से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा काफी बढ़ गया है.
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