उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 के रिजल्ट आ चुके हैं. उधम सिंह नगर जिला पंचायत चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. कुल 35 सीटों में से 12-12 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, जबकि 11 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए. चुनाव नतीजों से साल है कि जिले में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और निर्दलीयों की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है.
इसके बाद उत्तराखंड पंचायत चुनाव के सभी 358 जिला पंचायत सीटों के नतीजे आ चुके हैं, जिसमें बीजेपी को 124, कांग्रेस को 106, निर्दलीयों को 128 सीटें मिली हैं. वहीं, 128 निर्दलीयों में कांग्रेस समर्थित और बीजेपी समर्थित प्रत्याशी भी हैं.
इसके बाद, 6 अगस्त से जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के पदों के जोर आजमाइश शुरू होने की बातें हो रही है. निर्वाचन आयोग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण की सूची भी जारी की है.
सीएम ने वोटर्स का जताया आभार...
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मतदाताओं का धन्यवाद किया और सभी विजयी उम्मीदवारों से ग्राम सभाओं के विकास के लिए सामूहिक रूप से काम करने की अपील की, जो एक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
उन्होंने कहा कि बड़ी तादाद में बीजेपी समर्थित उम्मीदवार जीते हैं. मैं जनता का आभार व्यक्त करता हूं. अन्य विचारधाराओं के उम्मीदवार भी जीते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे खुशी है कि बड़ी संख्या में सामान्य बैकग्राउंड के युवा उम्मीदवार जीते हैं. मैं उन सभी को बधाई देता हूं और उनसे ग्राम सभाओं के विकास के लिए सामूहिक रूप से काम करने की अपील करता हूं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन को साकार करने में बड़ी भूमिका निभाएगा."
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से 21 साल की प्रियंका नेगी का नाम लिया, जिन्हें चमोली जिले में राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट सारकोट गांव की प्रधान चुना गया है. सारकोट को राज्य सरकार ने आदर्श गांव के रूप में विकसित करने के लिए गोद लिया है.
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करीब 70 फीसदी वोटिंग...
उत्तराखंड में जिला पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधानों के कुल 10,831 पदों के लिए 24 और 28 जुलाई को दो चरणों में राज्य के 12 जिलों के 89 ब्लॉकों में चुनाव हुए, जिसमें कुल 69.16 प्रतिशत मतदान हुआ. मतगणना गुरुवार सुबह 8 बजे शुरू हुई जो शुक्रवार शाम तक जारी रही.
राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया खत्म होने के बाद शाम 6 बजे आदर्श आचार संहिता हटा ली गई. बीजेपी ने जहां राज्य पार्टी कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया, वहीं कांग्रेस खेमे में भी उत्साह का माहौल रहा.
कांग्रेस ने क्या कहा?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण महारा ने कहा कि पंचायत चुनाव के नतीजों से पता चलता है कि भ्रष्टाचार और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे जिन मुद्दों को लेकर पार्टी बार-बार जनता के बीच गई थी, उनका मतदाताओं पर असर हुआ है.
उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि राज्य के प्रमुख बीजेपी नेताओं के परिजन और रिश्तेदार हार गए हैं. बीजेपी समर्थित उम्मीदवार राज्य बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के वार्ड में हार गए हैं. पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी हार गई हैं, बीजेपी विधायक सरिता आर्य का बेटा हार गया है, महेश जीना का बेटा हार गया है और लैंसडाउन विधायक दिलीप सिंह रावत की पत्नी भी हार गई हैं."
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह बीजेपी के लिए जश्न मनाने का कोई मौका नहीं है.
करण महारा ने कहा, "बीजेपी कार्यालय में मिठाई बांटना उस पार्टी का अहंकारी प्रदर्शन था, जो अपने धन और बाहुबल के बल पर अपने लोगों को ग्राम प्रधान के पदों पर बिठाने वाली थी."
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धमसाना ने कहा, "हमने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. जिला पंचायत पदों के लिए कांग्रेस द्वारा अधिकृत कुल 198 उम्मीदवारों में से 138 ने जीत हासिल की है."
(PTI के इनपुट के साथ)