उत्तराखंड के रहने वाले नामी इतिहासकार शेखर पाठक ने देश में 'बढ़ती असहिष्णुता' के चलते सोमवार को अपना पदमश्री पुरस्कार लौटा दिया.
पर्यटन नगरी नैनीताल में चल रहे 'चौथे नैनीताल फिल्म महोत्सव' में अपना पदमश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा करते हुए पाठक ने कहा कि उन्होंने यह फैसला देश में बढ़ रहे 'असहिष्णुता ' के वातावरण और हिमालयी क्षेत्र की उपेक्षा के विरोध में लिया है.
उन्होंने कहा कि हिमालय का पुत्र होने के नाते पुरस्कार लौटाकर यहां के संसाधनों की लूट का विरोध दर्ज करवाने का उनका यह एक तरीका है. उत्तराखंड में रहने वाले जाने माने इतिहासकार, लेखक और शिक्षाविद पाठक को वर्ष 2007 में पदमश्री दिया गया था.
-इनपुट भाषा