उत्तराखंड में हुई तबाही को एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन वहां के लोगों की जिदंगी अभी पटरी पर नहीं लौट पाई है.
उत्तराखंड के ज्यादातर लोगों को रोजगार मुहैया कराने वाला पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. बाहरी राज्यों से उत्तराखंड घूमने आने वाले लोग अब डर के मारे यहां नहीं आना चाहते जिसकी वजह से पर्यटन में 85 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
कभी इसी सीज़न के दौरान मसूरी और नैनीताल जैसे हिल स्टेशन के होटल पूरी तरह से बुक रहते थे लेकिन अब सिर्फ 20 फीसदी ही होटल बुक हैं.
एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी और बागेश्वर को 156 गांवों में रहने वाले छोटे किसानों की जमीन पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इसके अलावा पर्यटन व्यवसाय को सालाना 4170 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है.