उत्तराखंड की बीजेपी सरकार जल्द ही सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों की नमाज के लिए मिलने वाले ब्रेक को खत्म करने जा रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकारी कार्यालयों में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों को शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने के लिए अलग से ब्रेक नहीं देने का फैसला लिया है. दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने फैसला लिया था कि शुक्रवार को मुसलमान कर्मचारियों को नमाज के लिए डेढ़ घंटे का ब्रेक दिया जाएगा.
उत्तराखंड की बीजेपी सरकार की दलील है कि यदि मुसलमान कर्मचारियों को नमाज के लिए इस तरह समय दिया जाएगा, तो फिर हिंदुओं को भी पूजा के लिए छुट्टी दी जानी चाहिए. मामले में सूबे के मुख्यमंत्री रावत का कहना है कि कांग्रेस की ओर से लिया गया फैसला पूरी तरह गलत था. इस फैसले से लोगों में नाराजगी थी. उन्होंने कहा कि अगर हिंदू भी इस तरह पूजा के लिए छुट्टी मांगने लगे, तो क्या होगा? उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को नमाज के लिए छुट्टी देने का फैसला बेहद विवादित है.
कांग्रेस की हरीश सरकार ने ब्रेक देने का लिया था फैसला
तत्कालीन कांग्रेस की हरीश रावत सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज के लिए डेढ़ घंटे का ब्रेक देने का फैसला किया था, जिसको लेकर सियासी माहौल गरमा गया था. बीजेपी ने इसका कड़ा विरोध किया था. जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक रावत ने कहा कि बीजेपी सरकार सबका साथ-सबका विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ रही है. प्रदेश में किसी के साथ धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा.