नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने सूबे के तीन जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में एक अप्रैल से शराबबंदी लागू कर दी है. इस मामले में सरकार की ओर से गुरूवार को शासनादेश जारी किया गया था. हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शराबबंदी के फैसले पर रोक लगा दी.
नैनीताल हाई कोर्ट ने 8 दिसंबर, 2016 को आदेश दिया था कि चारधाम यात्रा के मद्देनजर प्रदेश के तीन जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में अगले वित्त वर्ष से शराब की बिक्री पर रोक लगा दी जाए. हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ आबकारी विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी.
राज्य सरकार ने जारी किया था शासनादेश
31 मार्च यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस केस में सुनवाई करते हुए फैसले पर रोक लगा दी. राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को जारी किए शासनादेश के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने की स्थिति को देखते हुए तीनों जिलों में अगले आदेश तक शराबबंदी का फैसला लागू किया था. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के अधीन बताया गया था.
सार्वजनिक स्थलों पर भी लगाई रोक
बताते चलें कि तीनों जिलों में सशर्त शराबबंदी के साथ-साथ सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर भी शराब पीने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अलावा सरकार ने शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों और अस्पतालों के एक किलोमीटर के दायरे में शराब की दुकान को लाइसेंस नहीं दिए जाने के फैसले का भी सख्ती से पालन करने का आदेश दिया था.
5 किमी के दायरे में नहीं मिलेगी शराब, तंबाकू
हाई कोर्ट ने सिखों के पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब और रीठा साहिब के पांच किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री और तंबाकू पर भी प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई से पहले आबकारी सचिव सी.एस. नपलच्याल ने इस बारे में कहा था कि एक अप्रैल से उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में शराबबंदी लागू करने के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है.
42 शराब की दुकानों पर लगती रोक
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले में 18 शराब की दुकानों से राज्य सरकार को 25.16 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है. वहीं रुद्रप्रयाग जिले में 9 शराब की दुकानों से 22.41 करोड़ और चमोली जिले में 15 शराब ठेकों से राज्य सरकार को 36.63 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है.