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हल्द्वानी में धामी सरकार का बड़ा एक्शन, कई अवैध मदरसे सील, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. सीएम पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों के बाद हल्द्वानी में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. इसके साथ ही अवैध तरीके से चल रहे कई मदरसों को प्रशासन ने सील कर दिया. इन मदरसों ने बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित किसी भी मानक का पालन नहीं किया था.

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उत्तराखंड में अवैध मदरसे सील
उत्तराखंड में अवैध मदरसे सील

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों के बाद उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में प्रशासन एक्शन मोड में नजर आ रहा है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में प्रशासन ने अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की है. 

इस दौरान कई मदरसों को सील कर दिया गया. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे ताकि किसी भी प्रकार की अशांति न फैले और कानून-व्यवस्था बनी रहे.

नियम नहीं मानने वाले मदरसे सील

अपर जिलाधिकारी विवेक राय ने बताया कि जिन मदरसों पर कार्रवाई की गई, उनमें से अधिकांश के पास कोई मान्यता नहीं थी. शिक्षा विभाग से न तो कोई अनुमति ली गई थी और न ही इन मदरसों ने बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित किसी भी मानक का पालन किया था.

प्रशासन को पहले से ही कुछ मदरसों के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली थीं. इनमें बच्चों के लिए समुचित बैठने की व्यवस्था न होना, साफ-सफाई की घोर कमी, शौचालय न होना और सीसीटीवी जैसी सुरक्षा व्यवस्थाओं का अभाव शामिल था. कुछ मदरसे तो मस्जिदों के अंदर ही संचालित हो रहे थे, जो कि सरकारी नियमों के खिलाफ है.

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सुरक्षा के कड़े इंतजाम

कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. स्थानीय लोगों को किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की गई है. प्रशासन ने साफ किया है कि यह कार्रवाई केवल अवैध रूप से संचालित शिक्षण संस्थानों के खिलाफ है, न कि किसी धर्म या समुदाय के विरोध में है.

सीएम ने दिए थे जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले ही राज्य में संचालित सभी मदरसों की जांच के निर्देश दिए थे. उनका कहना था कि बच्चों की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों को मान्यता और नियमों का पालन करना अनिवार्य है. प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर इलाके में चर्चा तेज हो गई है. कुछ लोगों ने इस कदम का समर्थन किया है तो कुछ ने इसे अचानक की गई कार्रवाई और कठोर बताया है.

 

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