देहरादून में निर्माण कार्यों के कारण पेड़ों की लगातार कटाई के मामले में नया मोड़ आ गया है. एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वन विभाग को आदेश दिया है कि वह तीन महीने के अंदर शहर में सभी पेड़ों की गिनती करे और इस बाबत रिपोर्ट तैयार करे.
ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण प्रेमी गौरी मौलेखी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दो बिल्डर्स को दो हफ्तों के भीतर अपने निर्माण कार्य परिसर में 50 और 100 पौधे अलग-अलग प्रजाति के लगाने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता के वकील तारिक सिद्दकी के मुताबिक, ट्रिब्यूनल ने पैसिफिक हिल्स और व्हिसपरिंग विलोज को आदेश दिया है कि वे अपने प्रोजेक्ट के परिसर में अलग-अलग किस्म के 50 और 100 पौधे दो हफ्तों के भीतर लगाएं.
गौरी की ओर से याचिका में कहा गया है कि वन विभाग निर्माण कार्य के लिए बिल्डर्स को कुछ पेड़ काटने के लिए अधिकृत करता है, लेकिन उनके द्वारा सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं. आरोप है कि इसमें वन विभाग की भी मिलीभगत है और यह देहरादून के साथ ही मसूरी क्षेत्र के पर्यावरण के लिए चिंता विषय है.