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उत्तराखंडः सहकारी बैंक भर्ती पर रोक, बीजेपी विधायकों ने की थी वसूली की शिकायत

उत्तराखंड में 412 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में इंटरव्यू और शारीरिक परीक्षा संपन्न हुई थी, लेकिन सरकार में राज्यमंत्री यतिस्वरानंद और विधायक सुरेश राठौर द्वारा भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी व लेनदेन के आरोप लगाए थे और सीएम तीरथ सिंह रावत को पत्र लिख कर शिकायत की थी.

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भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत से शिकायत की गई थी (फाइल-पीटीआई)
भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत से शिकायत की गई थी (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीएम तीरथ सिंह को पत्र लिखकर की गई थी शिकायत
  • राज्यमंत्री और विधायक ने भर्ती प्रक्रिया पर उठाए सवाल
  • तकनीकी खामियों की वजह से प्रक्रिया रोकी गईः रजिस्टार

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में शुरू हुई उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक की भर्ती के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. यह 'भर्ती' गड़बड़ी के आरोपों के चलते अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दी गई है. हालांकि अधिकारी का कहना है कि तकनीकी खामियों की वजह से यह रोकी गई है.

रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव बाल मयंक मिश्रा ने आदेश जारी करते हुए राज्य सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी और सुरक्षाकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया को अग्रिम आदेशों तक स्थगित करने का आदेश दिया है.

नए सीएम से की गई थी शिकायत
राज्य में 412 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में इंटरव्यू और शारीरिक परीक्षा संपन्न हुई थी, लेकिन सरकार में राज्यमंत्री यतिस्वरानंद और विधायक सुरेश राठौर द्वारा भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी व लेनदेन के आरोप लगाए थे और सीएम तीरथ सिंह रावत को पत्र लिख कर शिकायत की थी. इसके बाद इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने के आदेश जारी किए गए हैं.

जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है. आपको बताते चलें कि इस भर्ती प्रक्रिया पर बीजेपी विधायक स्वामी यतिस्वरानंद और विधायक सुरेश राठौर ने गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सहकारी बैंक प्रबंधन पर भर्ती में करोड़ों रुपये वसूलने के आरोप लगाए थे साथ ही इसके लिए एक पत्र मुख्यमंत्री को भी भेजा गया था.

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बीजेपी विधायक सुरेश राठौर ने पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार पर भी सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा था कि इस भर्ती प्रक्रिया में काफी धांधली चल रही थी. नए मुख्यमंत्री बनने के बाद हमने उन्हें इस चीज से अवगत कराया और तत्काल प्रभाव से इन नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग की जिस पर नए मुख्यमंत्री ने अब रोक लगा दी है अब जो भी नियुक्तियां होंगी वह निष्पक्ष होंगी.

10 जिला सहकारी बैंकों में भर्ती प्रक्रिया

वहीं इस मामले पर कोऑपरेटिव रजिस्टार बीएम मिश्रा ने बताया कि कुछ कमियां इस भर्ती प्रक्रिया में रह गई थी जिस कारण इस प्रक्रिया पर रोक लगानी पड़ी. विधायकों की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि विधायकों ने उनसे भी फोन पर इस बारे में बात की थी पर इस तरह की कोई भी सत्यता नहीं है. कुछ तकनीकी खामियों की वजह से यह रोकी गई है.

इस भर्ती प्रक्रिया के रोक के बाद जहां कई अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन भी किया और सरकार पर मनमानी के आरोप लगाए तो छात्रों में सरकार के इस फैसले के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है और छात्रों ने केंद्र के बाहर भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

उत्तराखंड में 10 जिला सहकारी बैंकों में सुरक्षाकर्मी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही थी. कई जिलों में शारीरिक परीक्षा आरंभ हो चुकी थी. इसी महीने साक्षात्कार के बाद इस भर्ती प्रक्रिया का समापन होना था, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया को रोक दी है.

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412 पदों पर हो रही इस भर्ती प्रक्रिया पर रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव ने तत्काल रोक लगा दी है. ऐसे में पूर्व सरकार में मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत पर उनके ही विधायकों द्वारा कटघरे में खड़ा कर दिया है और इसको सीधे तौर पर पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार की कार्यप्रणाली को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है.

 

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