चीन सीमा से सटे दारमा घाटी में ग्लेशियर खिसकने से सीपीडब्ल्यूडी द्वारा निर्माणाधीन सड़क बंद हो गई है. साथ ही दारमा घाटी के अंतिम गांव सीपू और मार्छा को जोड़ने वाला लकड़ी का पुल भी ग्लेशियर की चपेट में आकर बह गया है. इस पुल के टूटने से सीपू गांव के लोगों को माइग्रेशन में परेशानी उठानी पड़ रही है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़कों और रास्तों में जमी बर्फ को हटाने की अपील की है. जिससे स्थानीय लोगों के अलावा फौजी जवान भी आसानी आ-जा सकें.
(फोटो- राकेश पंत)
पिथौरागढ़ के ऊंचे हिमालय क्षेत्रों में पिछले सप्ताह हुई बर्फबारी से कई जगह ग्लेशियर खिसकने लगे हैं. ग्लेशियर खिसकने से चीन सीमा को जोड़ने वाली निर्माणाधीन सड़क बंद हो गई है. साथ ही वहीं सीपू और मार्छा को जोड़ने वाला लकड़ी का पुल बह गया है. जिसकी वजह से दारमा घाटी के अंतिम गांव सीपू का संपर्क दुनिया से कट गया है.
अप्रैल माह से सीपू गांव के 2 दर्जन परिवार अपने मूल आवासों की तरफ लौटेंगे लेकिन पुल न होने के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद होने से सुरक्षा बलों को बॉर्डर की निगरानी में मुश्किलें पेश आ सकती हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि दो-तीन दिनों में प्रशासन इस सड़क से बर्फ हटा लेगा.
लोगों की माइग्रेशन से पहले प्रशासन से बर्फ हटाने की मांग की है. ताकि स्थानीय लोगों के साथ ही सुरक्षाबलों को भी आवागमन की सुविधा मिल सके. वहीं प्रशासन ने कार्यदायी संस्था को माइग्रेशन से पहले मार्ग का निर्माण करने के निर्देश दिए हैं.