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नहीं रहा देश का सबसे बुजुर्ग बाघ 'गुड्डू किलर'

बीमारी और कमजोरी से लड़ते-लड़ते देश के सबसे बुजुर्ग बाघ 'गुड्डू किलर' ने कानपुर चिड़ियाघर में दम तोड़ दिया. 'गुड्डू किलर' की उम्र 26 साल थी. अपनी दहाड़ से थर्रा देने वाले 'गुड्डू किलर' की खाल लटक चुकी थी और उसके सारे दांत भी टूट चुके थे.

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फाइल: रॉयल बंगाल टाईगर
फाइल: रॉयल बंगाल टाईगर

बीमारी और कमजोरी से लड़ते-लड़ते देश के सबसे बुजुर्ग बाघ 'गुड्डू किलर' ने कानपुर चिड़ियाघर में दम तोड़ दिया. 'गुड्डू किलर' की उम्र 26 साल थी. अपनी दहाड़ से थर्रा देने वाले 'गुड्डू किलर' की खाल लटक चुकी थी और उसके सारे दांत भी टूट चुके थे.

वन्य जीव विभाग का दावा है कि 'गुड्डू' देश का सबसे बूढ़ा बाघ था. 'गुड्डू' को वर्ष 2000 में चंडीगढ़ के जंगलों से पकड़ा गया था. तब डॉक्टरों ने उसकी उम्र करीब 13 वर्ष आंकी थी. पहले उसे कानपुर, फिर 2001 में लखनऊ चिड़ियाघर भेज दिया गया था. 2009 में लखनऊ चिड़ियाघर प्रशासन ने बाड़ों में रेनोवेशन का काम कराने के लिए 'गुड्डू' को वापस कानपुर भेज दिया था. तब से 'गुड्डू' कानपुर जू में ही था.

बाघों की औसतन आयु 18-20 सालों तक की ही होती है. जंगलों में रहने के दौरान आयु और घटती है. हालांकि जानकारों का कहना है कि 1992 में लखनऊ जू में ही मोहन बाघ की करीब 24 साल की उम्र में मौत हुई थी. लखनऊ जू में रहने के दौरान 'गुड्डू' द्वारा बाघिन शेफाली को मार डालने और एक अन्य बाघिन तारा को गंभीर रूप से घायल करने के कारण उसे 'किलर' का टाइटल मिला था और तब से उसे 'गुड्डू टाइगर' के नाम से पुकारा जाता था.

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