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चरण सिंह जयंती पर वोट बटोरने की कवायद तेज करती नजर आएंगी सियासी पार्टियां

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर 23 दिसंबर पर यूपी में चुनावी दंगल सज गया है. जाटों को लुभाने के लिए सभी दल ताल ठोककर खड़े हो गए हैं.

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रैली में दिग्विजय सिंह भी शिरकत करेंगे
रैली में दिग्विजय सिंह भी शिरकत करेंगे

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर 23 दिसंबर पर यूपी में चुनावी दंगल सज गया है. जाटों को लुभाने के लिए सभी दल ताल ठोककर खड़े हो गए हैं.

मेरठ में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की संकल्प रैली हो रही है. गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर रालोद वेस्ट यूपी में धरना प्रदर्शन, घेराव व चक्काजाम के जरिए मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश कर रहा है. रालोद की संकल्प रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा व जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव की मौजूदगी रालोद-कांग्रेस-जेडीयू के संगम के रूप में नजर आएगी. राजनीति के जानकारों की मानें, तो इस रैली से न केवल रालोद, बल्कि दूसरे दलों की राजनीति के भी नए समीकरण तय होंगे.

समाजवादी पार्टी जाटों को लुभाने के लिए चरण सिंह की जयंती पर छुट्टी और उन्हें भारत रत्न देने की मांग कर रही है. मंत्री शाहिद मंजूर के यहां 23 दिसम्बर को शादी समारोह से एक दिन पहले मेरठ में लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव के आगमन के मई मायने निकाले जा रहे हैं. हवाई पट्टी पर विभागीय समीक्षा बैठक के साथ-साथ वे किसानों से हमदर्दी जताने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.

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जाट आरक्षण पर कैबिनेट के फैसले में अपनी पहल का रालोद जोर-शोर से प्रचार कर रहा है. सपा इसकी काट ढूंढ रही है. नरेंद्र मोदी के मिशन यूपी में जनता का रुझान देखकर भगवा खेमा इतरा रहा है. मुजफ्फरनगर दंगे के बाद एकाएक बीजेपी ने मिशन यूपी शुरू करके वोटों के धुव्रीकरण का लाभ उठाने की कवायद शुरू कर दी. 4 राज्यों में मिली सफलता ने इस कवायद को और जोशीला बना दिया. संकेत मिले है कि वेस्ट यूपी में राजनीति का केंद्र माने जाने वाले मेरठ में भी जनवरी में नरेंद्र मोदी की रैली होगी.

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