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Air Force Helicopter Crash: विंग कमांडर पृथ्वी सिंह को आखिरी विदाई, ढाई घंटे में बनी घर तक जाने वाली सड़क

पड़ोसी भरत कुमार का कहना है कि पिछले 10 साल से गली में गड्ढे थे. अब इसे सुधारा गया है. पड़ोसी विजय कुमार निगम का कहना है कि एक दशक के बाद गली को सुधारा गया है, हालांकि काम पूरा नहीं हुआ है.

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पृथ्वी सिंह के घर के बाहर बनाई गई सड़क.
पृथ्वी सिंह के घर के बाहर बनाई गई सड़क.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पड़ोसियों ने कहा- एक दशक से गली में थे गड्ढे
  • ताजगंज श्मशान घाट पर होगा अंतिम संस्कार

तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस बिपिन रावत के साथ विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की भी जान चली गई. अब उनके पार्थिव शरीर को आखिरी विदाई देने की तैयारी यूपी के आगरा में चल रही है. पृथ्वी सिंह चौहान के घर तक जाने वाले गली को रातों-रात दुरुस्त कर दिया गया है. पड़ोसियों के मुताबिक, शुक्रवार रात 10 बजे काम शुरू हुआ और ढाई घंटे में पक्की सड़क बना दी गई. 12 साल पहले गली को बनाया गया था, लेकिन तारकोल और गिट्टी अब डाला गया है.

पड़ोसी भरत कुमार का कहना है कि पिछले 10 साल से गली में गड्ढे थे. अब इसे सुधारा गया है. पड़ोसी विजय कुमार निगम ने बताया कि एक दशक के बाद गली को सुधारा गया है, हालांकि काम पूरा नहीं हुआ है. जहां तक सड़क को दुरुस्त किया गया है, उसके आगे आरसीसी सड़क बनाई जाएगी. वे पृथ्वी सिंह चौहान को बचपन से जानते थे. इस साल रक्षाबंधन के मौके पर जब विंग कमांडर यहां आए थे, तब उनसे मुलाकात और बातचीत भी हुई थी.

एयरफोर्स ज्वाइन करने के बाद पृथ्वी की पहली पोस्टिंग हैदराबाद में हुई थी.

आज किया जाएगा अंतिम संस्कार
परिजनों ने बताया कि पृथ्वी सिंह का पार्थिव शरीर को शनिवार को विमान के जरिए आगरा स्थित उनके आवास सरन नगर (न्यू आगरा) पर लाया जाएगा. इसके बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी. शनिवार को दिन में ही उनका दाह संस्कार ताजगंज श्मशान घाट पर किया जाएगा. 

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पहली पोस्टिंग हैदराबाद में हुई थी
एयरफोर्स ज्‍वाइन करने के बाद पृथ्‍वी की पहली पोस्टिंग हैदराबाद में हुई थी. इसके बाद वो गोरखपुर, गुवाहाटी, ऊधमसिंह नगर, जामनगर, अंडमान निकोबार सहित अन्‍य एयरफोर्स स्‍टेशन्‍स पर तैनात रहे. उन्‍हें एक साल की विशेष ट्रेनिंग के लिए सूडान भी भेजा गया था. MI-17 हेलिकॉप्टर उड़ाने में विंग कमांडर पृथ्‍वी सिंह चौहान की दक्षता के वायुसेना के अधिकारी भी कायल थे. सूडान में विशेष ट्रेनिंग लेने के बाद पृथ्‍वी की गिनती वायुसेना के जांबाज लड़ाकू पायलट्स में होती थी. बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में 13 वीर सपूतों ने प्राण गंवा दिए. पृथ्वी सिंह इनमें से एक थे.

 

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