प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) संवर्ग ने वर्षो पुरानी एक लड़ाई जीत ली है. इस कैडर को अब आईपीएस की तरह नीले रंग की बैरेट कैप लगाने का अधिकार मिल गया है. फर्क सिर्फ इतना होगा कि पीपीएस की टोपी में उत्तर प्रदेश सरकार का चिन्ह अंकित होगा.
पुलिस महानिदेशक एएल बनर्जी ने वर्दी संशोधन समिति की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद पुलिस महकमे के राजपत्रित अधिकारियों को नीले रंग की बैरेट कैप धारण किए जाने की मंजूरी दी है. डीजीपी ने समस्त राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को वर्किंग यूनिफॉर्म के साथ नीले रंग की बैरेट कैप धारण करने का आदेश पारित किया है. इससे पीपीएस संवर्ग में खुशी की लहर दौड़ गयी है.
पीपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष जुगल किशोर ने कहा है कि डीजीपी के इस फैसले से पुलिस अफसरों के मनोबल पर असर पड़ेगा. अभी तक पीपीएस कैडर के पास वर्किंग कैप नहीं थी. ये अफसर विशिष्ट अवसरों पर पी-कैप लगाते थे.
लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था मुकुल गोयल, अपर पुलिस महानिदेशक कार्मिक भवेश कुमार सिंह, आइजी स्थापना और आइजी कार्मिक की एक समिति गठित की गयी थी. इसी समिति की रिपोर्ट पर डीजीपी ने यह फैसला किया. खास बात यह है कि देश के सभी राज्यों के पुलिस महकमे में गजटेड अफसर नीली बैरेट कैप लगाते थे. यहां तक कि उत्तराखंड में भी यह व्यवस्था लागू है, लेकिन यूपी इससे वंचित था.