उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 3 जनवरी को श्मशान घाट पर जो हादसा हुआ, उसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए. छत के गिर जाने से 25 लोगों की मौत हो गई, जिसमें अधिकारियों की लापरवाही सामने आई. अब इसी हादसे से सबक लेते हुए नोएडा के यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने बड़ा फैसला लिया है, यहां अब किसी भी निर्माण कार्य की तीन बार जांच की जाएगी.
गाजियाबाद के मुरादनगर में हुए हादसे के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने ये फैसला लिया है, जिसमें किसी भी निर्माण कार्य की तीन बार जांच होगी. ये जांच काम के अलग-अलग चरणों में की जाएगी ताकि गुणवत्ता को परखा जा सके.
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जानकारी के मुताबिक, दो बार जांच किसी भी प्रोजेक्ट के बीच में होगी और तीसरी जांच भुगतान करने के पहले की जाएगी. इस दौरान अगर निर्माण कार्य में गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. उसका पैसा भी जब्त किया जाएगा, जरूरत पड़ी तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ अरुण सिंह ने बताया कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए व्यापक ऑडिट किया जाएगा. स्वतंत्र एजेंसियों को भी निर्माण कार्य की जांच के लिए बुलाया जाएगा और एक नहीं तीन-तीन जांच हो जाने के बाद ठेकेदार और ठेका लेने वाली कंपनी को भुगतान किया जाएगा. अनियमितता पाए जाने पर सख्त एक्शन होगा.
आपको बता दें कि गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट पर छत गिरने के कारण बड़ा हादसा हुआ और 25 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद ठेकेदार, ईओ समेत अन्य अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है.