ताजमहल के संरक्षण में अब तक फटकार सुन रही उत्तर प्रदेश सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में कहा कि वो ताजमहल को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है. सरकार ने अपनी योजनाओं और उठाए जाने वाले कदमों के ब्यौरे वाला लगभग 250 पन्नों का विजन डॉक्यूमेंट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है.
विजन डॉक्यूमेंट में राज्य सरकार ने कहा है कि यमुना के रिवर बेल्ट के किनारे किसी किस्म का निर्माण की इजाजत नहीं होगी. ताजमहल के आस-पास जितनी भी प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री हैं उसे बंद करना होगा.
ताजमहल की सुरक्षा और संरक्षा के लिए तमाम एहतियाती उपाय करने के साथ ही ताजमहल को ज्यादा टूरिज़म हब बनाने की जरूरत है. इस सिलसिले में जितनी बीमार कंपनी यानी कारखाने हैं उनको हटाने की जरूरत है.
सरकार ने केंद्र की पहल की दुहाई देते हुए कहा कि ताजमहल के आस-पास नो प्लास्टिक जोन घोषित किया गया है. ताजमहल के आस-पास प्लास्टिक बोतल और पॉलीथिन पर भी रोक लगए गई है.
विजन डॉक्यूमेंट के मुताबिक, आगरा में ऐसी ट्रैफिक व्यस्था होनी चाहिए, जिससे पैदल चलने वालों को बढ़ावा दिया जाए. साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा यानी बैटरी, बिजली या फिर सौर ऊर्जा से चलने वाले वाहनों को तरजीह दी जाए. ताजमहल के आस-पास ऐसा एरिया घोषित किया जाए, जिसमें कोई निर्माण कार्य न हो.
सरकार ने बढ़ चढ़ कर दस्तावेज़ तो कोर्ट के सामने रख दिए हैं. लेकिन क्या इन पर सख्ती से अमल भी कर पाएगी? पहले भी ताज ट्रेपेलियम ज़ोन में लाखों पौधे लगाने की योजना घोषणा और पौधे लगाने की शुरुआत तो हुई. लेकिन कुछ हफ्तों में ही पौधे सूख गए. यानी अफसरों और कर्मचारियों के अमले ने पौधों की कोई देखभाल नहीं की.