एक टीवी शो के प्रसारण के एवज में एक लाख रुपये रिश्वत लेने मामले में लखनऊ दूरदर्शन के पूर्व निदेशक प्रभु झिंगरन को स्पेशल जज (सीबीआई) ने तीन साल कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उनपर 10 लाख रुपये जुर्माना भी तय किया गया है.
वर्ष 2004 में रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए प्रभु के खिलाफ जज राजेन्द्र सिंह ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट में सीबीआइ की ओर से पब्लिक प्रॉसिक्यूटर केपी सिंह ने कहा कि मुंबई निवासी हास्य कवि शैल चतुर्वेदी के पुत्र विशाल चतुर्वेदी लखनऊ दूरदर्शन के लिए प्रायोजित श्रेणी के सीरियल का निर्माण करते रहे हैं, जिसका पिछले एक साल से प्रसारण रुका हुआ था. इसमें से एक 'देख एक से बढक़र एक' नया टीवी शो है और सीरियल 'एक और एक ग्यारह' नौ वर्षो से प्रसारित हो रहा था. इन दोनों के प्रसारण को लेकर स्वीकृति दी जा चुकी थी, लेकिन आरोप है कि पूर्व निदेशक प्रभु झिंगरन ने इन्हें प्रसारित करने के लिए विशाल चतुर्वेदी से दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की.
पैसे देने घर पर बुलाया, पुलिस ने योजना बनाकर फंसाया
कोर्ट को बताया गया कि 18 जून 2004 को मांग के आधार पर एक लाख रुपये पूर्व निदेशक ने अपने निवास- 11/6 डालीबाग, लखनऊ पर देने को कहा. वादी विशाल चतुर्वेदी ने 17 जून को जब उन्हें फोन किया तो आरोपी ने घर आने को कहा. कहा गया है कि वादी रिश्वत नहीं देना चाहता था इसलिए उसने एक शिकायती पत्र पुलिस अधीक्षक सीबीआई को दिया.
बताया जाता है कि 17 जून को सीबीआई ने मामला दर्ज कर धीरेंद्र राय इंस्पेक्टर को ट्रैक लेइंग आफिसर नियुक्त किया. एक योजना के तहत 18 जून को सीबीआई टीम स्वतंत्र गवाह रवि कुमार अय्यर और राकेश श्रीवास्तव सहित वादी विशाल चतुर्वेदी को लेकर आरोपी प्रभु झिंगरन के आवास पर पहुंचे और उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.