उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव के लिए 23 जून को वोटिंग होनी है. इस बीच सेना में भर्ती की नई स्कीम 'अग्निपथ योजना' को लेकर युवा देशव्यापी प्रदर्शन कर रहे हैं. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यूपी उपचुनाव में अग्निपथ योजना के विरोध का असर देखने को मिलेगा?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर यह स्कीम वोटिंग के बाद आई होती तो शायद बीजेपी का कुछ नुकसान नहीं होता पर क्योंकि अभी इसको लेकर ही चर्चा है ऐसे में युवाओं का वोट बीजेपी से कटता हुआ देखा जा सकता है.
उपचुनाव को लेकर आजमगढ़ और रामपुर में ताबड़तोड़ रैलियां चल रही हैं. इन चुनावी रैलियों में विपक्ष लगातार अग्निपथ योजना को लेकर सवाल उठा रहा है. वहीं, भाजपा चुनावी रैलियों में अग्निपथ योजना को लेकर उठाए गए सवालों का डटकर मुकाबला कर रही है.
धर्मेंद्र यादव योजना को लेकर लगातार उठा रहे हैं सवाल
सपा के आजमगढ़ उम्मीदवार और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव लगभग अपनी हर रैली में या बोल चुके हैं कि अग्निवीर योजना से युवाओं को नुकसान होगा और जब हमलोग चुनाव जीतकर संसद पहुंचेंगे तो लोकसभा में इस योजना का विरोध करेंगे. धर्मेंद्र यादव कहते हैं कि बीजेपी युवाओं को छल रही है और ऐसा भारतीय सेना में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
निरहुआ का आरोप- विपक्ष के भड़काने पर हो रहा उपद्रव
वहीं आजमगढ़ में भाजपा के उम्मीदवार निरहुआ अग्निपथ योजना का बचाव करते हुए कहते हैं कि विपक्ष के भड़काने के बाद उपद्रव हो रहा है, युवा इस स्कीम से खुश हैं. उनका यह भी कहना है कि इस स्कीम की वजह से उपचुनाव में बीजेपी को कोई नुकसान नहीं होगा.
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