यूपी में ऊर्जा मंत्री और उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) चेयरमैन का मनमुटाव अब सार्वजनिक होता दिख रहा है. डिस्कॉम्स को निजी हाथों में देने से लेकर तमाम मुद्दों पर ऊर्जा मंत्री और यूपीपीसीएल चेयरमैन के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है. खुद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट कर यूपीपीसीएल चेयरमैन अरविंद कुमार पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि उपभोगताओं को सही समय पर बिल देने के लिए मार्च 2019 तक शहरी और जुलाई 2019 तक ग्रामीण क्षेत्रों में डाउनलोडेबल बिलिंग का काम लगभग पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी सिर्फ 10 प्रतिशत के आसपास ही काम हो पाया है. यह घोर लापरवाही है. इसकी जिम्मेदारी यूपीपीसीएल चेयरमैन की है.
उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर मिले,यह @UppclChairman की जिम्मेदारी है। जुलाई 2018में बिलिंग एजेंसियों से हुए करार के मुताबिक 8माह में शहरी व 12माह में ग्रामीण क्षेत्रों में 97% डाउनलोडेबल बिलिंग होनी थी,लेकिन आज भी 10.64% ही है। यह घोर लापरवाही है।@myogiadityanath @BJP4UP @UPGovt
— Shrikant Sharma (@ptshrikant) January 25, 2021
बता दें कि लॉकडाउन के वक्त UPPCL को काफी नुकसान हुआ है. यही कारण है कि UPPCL ने सीधे बिजली की दरों को ना बढ़ाकर स्लैब में बदलाव कर रेट में बढ़ोतरी करने की तैयारी की थी. हालांकि प्रदेश में बिजली की दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. UPPCL ने यूपी में बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बिजली नियामक आयोग ने खारिज कर दिया था.