देश में कोरोना की दूसरी लहर देखने को मिल रही है. ऐसे में इससे निपटने को लेकर सरकार की तैयारी जारी है. उत्तर प्रदेश में तीसरे फेज के लिए गुरुवार तक 45 साल से अधिक उम्र के 2.25 करोड़ लोगों को टीका लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है. अब वैक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना का टीका लगवाने के लिए डॉक्टर के सर्टिफिकेट लाने की जरूरत नहीं है. इतना ही नहीं अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के अलावा हेल्थ और वेलनेस सेंटर पर भी कोरोना का टीका लगवाया जाएगा. पूरे प्रदेश में 5500 वैक्सीनेशन सेंटर तैयार किए गए हैं. वहीं वैक्सीनेशन सेंटर की कैपेसिटी को भी 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है.
वर्तमान में 45 से 59 साल के 1.97 करोड़ बुजुर्ग और गंभीर मरीजों को वैक्सीन लगाया गया है. ऐसे में 45 साल से अधिक उम्र के 2.25 करोड़ लोगों के जुड़ने से टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़कर 4.22 करोड़ हो जाएगी. अब तक प्रदेश में 60 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगवाया गया है.
वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पताल, जिला अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स और डिविजनल अस्पतालों में सप्ताह में छह दिन टीका लगाया जा रहा है. इन सबके साथ ही अब प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार को भी टीका लगाए जाने का इंतजाम किया गया है.
लोहिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर एके सिंह ने कहा है कि सभी लोगों से अनुरोध है कि वैक्सीन लगवाने के लिए पहले ही रजिस्ट्रेशन करवा लें. अगर किसी को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने में दिक्कत आ रही है तो वह आधार कार्ड या किसी अन्य पहचान पत्र के साथ सेंटर पर जा सकते हैं. वहां मौजूद हेल्थ वर्कर्स, रजिस्ट्रेशन करवाने में उनकी मदद करेंगे.
क्या है केंद्र सरकार की तैयारी?
दरअसल, लंबे वक्त से यही मांग हो रही थी कि वैक्सीनेशन के दायरे को बढ़ा देना चाहिए ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग टीका लगवा सकें. क्योंकि अब सभी दफ्तर, बाजार और अन्य चीज़ें खुल चुकी हैं ऐसे में 45 से 60 साल आयु वर्ग का तबका बड़ी संख्या में वर्किंग ग्रुप से जुड़ा है. जिसका बाहर आना-जाना जारी है, ऐसे में जरूरी है कि इन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
केंद्र सरकार द्वारा अब लक्ष्य रखा गया है कि राज्यों को वैक्सीन का वेस्टेज 1 फीसदी तक लाना होगा. अभी वैक्सीन वेस्टेज का राष्ट्रीय औसत 6 फीसदी है. ऐसे में अब वैक्सीनेशन के दायरे को बढ़ाया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अभी देश में सिर्फ 16.53 फीसदी वैक्सीन ही प्राइवेट सेंटर्स लगा पा रहे हैं. ऐसे में सरकार का कहना है कि अगर वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी है तो राज्य सरकारों को प्राइवेट सेक्टर को और भी खुला हाथ देना होगा.
देश में वैक्सीनेशन की क्या चल रही है रफ्तार?
बता दें कि भारत में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन का प्रारंभ हुआ था. 75 दिनों के सफर में करीब 6.5 करोड़ कोरोना डोज दिए जा चुके हैं. अभी तक 82 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका लग चुका है, जबकि 91 लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लग पाया है. केंद्र सरकार ने एक मार्च से 60 साल से अधिक लोगों को वैक्सीन लगवाने का मौका दिया.
अभी तक देश में 3 करोड़ से अधिक 60 साल से अधिक लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है. जो अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. देश में अभी एक दिन में औसतन 20 से 25 लाख वैक्सीन की डोज दी जा रही है. सरकार की कोशिश है कि इस दायरे को बढ़ाया जाए. जिन जिलों में कोरोना बेकाबू हो चला है, वहां दो हफ्ते में ही सभी लोगों को टीका लगा दिया जाए.