घर खरीदारों से पैसे लेकर उसे प्रोजेक्ट में लगाने की जगह कहीं और लगाने वाले या गबन करने वाले डेवलपर्स पर अब रियल एस्टेट रेगुलेट्री अथॉरिटी उत्तर प्रदेश यानी रेरा कार्रवाई करने के मूड में है. यूपी रेरा ने फंड डायवर्ज़न के दोषी पाए गए नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 48-48 डेवलपर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है.
यूपी रेरा उन डेवलपर्स को नोटिस जारी करेगा जिन्होंने ग्राहकों का पैसा प्रोजेक्ट में लगाने की जगह उसे किसी दूसरे प्रोजेक्ट या काम के लिए इस्तेमाल किया है. दरअसल, इस साल की शुरुआत में फंड डायवर्ज़न के दोषी डेवलपर्स का पता लगाने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने अंतरराष्ट्रीय ऑडिट फर्म करी एंड ब्राउन से ऑडिट कराया था.
इस ऑडिट रिपोर्ट के पहले चरण में नोएडा में फंड डायवर्जन करने वाले 11 डेवलपर्स के नाम सामने आए थे. इन डेवलपर्स में 3सी, ओमैक्स, यूनिटेक के नाम शामिल थे. हालांकि दूसरे चरण में अथॉरिटी ने फंड डायवर्ज़न में शामिल रहे डेवलपर्स के ना तो नाम बताए और ना ही कोई ठोस कार्रवाई की. उसीके ग्राहकों ने आरटीआई में अथॉरिटी से फंड डायवर्ज़न की जानकारी मांगी तो उन्हें डेवलपर की आपत्ति के आधार पर देने से मना कर दिया गया. ऑडिट के बाद से ठंडे बस्ते में पड़े इस मामले में अब रेरा बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है.
यूपी रेरा के सदस्य बलविंदर कुमार के मुताबिक पहले तो सभी 96 डेवलपर्स को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा. इसके बाद संतोषजनक जवाब ना मिलने पर रेरा उनके खिलाफ संपत्ति कुर्क करने से लेकर दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया तक शुरू करने का निर्देश दे सकता है. यानी रेरा के इस फैसले से धोखेबाज डेवलपर्स में खलबली मचना तय है.