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यूपी पंचायत चुनावः अधिसूचना जारी होने का रास्ता साफ, आरक्षण की नियमावली पर लगी मुहर

पिछले साल 25 दिसंबर को ही उत्तर प्रदेश के कुल 59,163 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो गया था. जबकि 3 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष तो 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो गया था. ऐसे में प्रदेश में जल्द चुनाव कराया जाना अनिवार्य हो गया है.

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योगी कैबिनेट ने आरक्षण की नियमावली पर मुहर लगाई (फाइल-ट्विटर)
योगी कैबिनेट ने आरक्षण की नियमावली पर मुहर लगाई (फाइल-ट्विटर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अगले महीने जारी हो सकती है चुनाव की अधिसूचना
  • पंचायतों के आरक्षण की नियमावली पर लगी मुहर
  • HC का 15 मई तक पंचायत चुनाव कराने का निर्देश

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर जारी कयासों के बीच अगले महीने मार्च में पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होने का रास्ता साफ हो गया है. योगी कैबिनेट ने आज मंगलवार को पंचायतों के आरक्षण की नियमावली पर मुहर लगा दी है.

योगी कैबिनेट की ओर से पंचायतों के आरक्षण की नियमावली पर मुहर लगाए जाने के बाद अब जल्द ही शासनादेश जारी हो जाएगा. आज कई अहम प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी मिली है.

आरक्षण प्रणाली में अचानक बदलाव

कैबिनेट की बैठक में योगी सरकार ने पंचायत आरक्षण को बदल दिया है. कैबिनेट ने संशोधन के जरिए पास किया. आरक्षण प्रणाली में अचानक बदलाव किया गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव होने हैं. 17 मार्च से पहले आरक्षण की सूची आनी थी, लेकिन सूची आने के पहले सरकार ने संशोधन कर दिया. कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने संशोधन का प्रस्ताव रखा था. अब इस फैसले से कई जिलों में पंचायत सीटें प्रभावित होंगी.

साथ ही कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में मंगलवार को यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा यूपी शैक्षिक संस्था (अध्यापक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक 2021 के अलावा जूनियर हाई स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु पर ग्रेच्युटी की सुविधा देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है. साथ ही कौशांबी में निर्माणाधीन 15 सूट गेस्ट हाउस से जुड़ा प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है.

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हाईकोर्ट का आदेश

इससे पहले पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और यूपी सरकार को आदेश दिया कि ग्राम पंचायत चुनाव 30 अप्रैल तक करा लिए जाएं ताकि 15 मई तक सभी पंचायतों का गठन किया जा सके. हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण का कार्य 17 मार्च तक पूरा करने के निर्देश भी दिए. 

हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के साथ-साथ 15 मई तक जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव कराने के भी निर्देश दिए हैं. विनोद उपाध्याय की याचिका पर हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था. इससे पहले हाईकोर्ट ने मई में चुनाव कराने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था.

पिछले साल 25 दिसंबर को ही उत्तर प्रदेश के कुल 59,163 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो गया था. जबकि 3 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष तो 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो गया था. ऐसे में उत्तर प्रदेश में एक साथ ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, 823 ब्लॉक के क्षेत्र पंचायत सदस्य और 75 जिले पंचायत के सदस्यों के 3,200 पदों पर चुनाव कराए जाने हैं.

यूपी पंचायत चुनाव के मद्देनजर जारी की गई मतदाता सूची में 12 करोड़ 27 लाख 99 हजार 686 वोटर शामिल हैं. पिछले 5 साल में प्रदेश में वोटरों की संख्या में इजाफा हुआ और इस दौरान 84 लाख मतदाता बढ़ गए.

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