योगी सरकार के वक्फ बोर्डों को भंग करने के नोटिस के बाद से हंगामा मच गया है. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा है कि सरकार अगर ऐसा असंवैधानिक फैसला लेती है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.
वक्फ बोर्ड को भंग करने का अधिकार नहीं
वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के मुताबिक फिलहाल बोर्ड भंग नहीं हुआ है सिर्फ नोटिस जारी किए गए हैं. रिजवी ने यह भी कहा कि सरकार को बोर्ड भंग करने का अधिकार ही नहीं है क्योंकि यह एक चुनी हुई संस्था है. जिसे सांवैधानिक मान्यता प्राप्त है और यह गलती एक बार अखिलेश सरकार कर चुकी है. इसके बाद उसे सुप्रीम कोर्ट से मुंह की खानी पड़ी थी. वसीम रिजवी ने कहा कि बोर्ड भंग करने का फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नहीं है बल्कि राज्यमंत्री मोहसिन रजा का है, जो खुद वक्फ मामले में दागी हैं. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रिजवी ने आरोप लगाया है कि मोहसिन रजा ने खुद अपने वक्फ की संपत्ति बेची है, लेकिन वह दूसरों पर उंगली उठा रहे हैं.
योगी सरकार ने भ्रष्टाचार की जांच की जांच के दिए आदेश
वहीं योगी सरकार ने न सिर्फ बोर्ड को भंग करने बल्कि वक्फ बोर्डों में फैले भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीबीआई के जांच के आदेश दे दिए हैं. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि दोनों वक्फ बोर्ड के खिलाफ हजारों शिकायतें मिली है. लोग इन में फैले भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर लगातार आ रहे हैं. न सिर्फ वक्फ बोर्ड के सदस्यों पर बल्कि इनके चेयरमैन पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है. ऐसे में सरकार ने दोनों वक्त बोर्ड के सभी सदस्यों को हटा दिया है. सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं और चेयरमैन को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था का भी इंतजाम हो जाएगा. अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा कि मोहसिन रजा पर अनर्गल और गलत आरोप लगाया जा रहे हैं जिसमें कोई तथ्य नहीं है.
बरहाल सरकार ने सेंट्रल वर्क कमेटी की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच का फैसला लिया है. रिपोर्ट में वक्फ बोर्ड के सदस्यों और चेयरमैन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. वहीं वक्फ चेयरमैन अब अदालती लड़ाई लड़ने के मूड में है लेकिन योगी सरकार की नजर वक्फ चेयरमैन पर जरूर टेढ़ी हो गई है.