योगी सरकार ने यूपी कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों के बाद अब अधिकारियों के मोबाइल फोन ले जाने पर पाबंदी लगा दी है. मंगलवार को कैबिनेट बैठक में अधिकारियों के मोबाइल ले जाने पर योगी सरकार के एक बड़े मंत्री ने नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद अधिकारियों के मोबाइल लेकर जाने पर पाबंदी लगाई गई है.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक आदेश जारी कर कैबिनेट बैठक में मंत्रियों के मोबाइल फोन लेकर आने पर पाबंदी लगा दी थी. बताया जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक के दौरान अधिकारी और मंत्री अपना पूरा ध्यान काम पर फोकस कर सकें, जिसके चलते यह पाबंदी लगाई गई है.
कई बार कैबिनेट की बैठक के दौरान अधिकारियों और मंत्रियों को मैसेज टाइप करते और व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते देखा गया था. इसके अलावा कैबिनेट बैठक में मोबाइल की घंटी बजने से व्यवधान हो रहा था. जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों के कैबिनेट बैठक में मोबाइल लाने पर रोक लगाई थी, तो उस समय कारण यह भी बताया गया था कि कोई गुप्त सूचना लीक न हो, इसके लिए यह पाबंदी लगाई गई है.
बीजेपी सांसद और विधायक के मारपीट के वीडियो से हुई थी किरकिरी
कुछ महीने पहले संत कबीरनगर से बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी, स्थानीय बीजेपी विधायक राकेश बघेल, जिला अधिकारी और योगी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन एक बैठक में शामिल हुए थे. इसी दौरान बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और बीजेपी विधायक राकेश बघेल के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. यह विवाद इतना बढ़ गया था कि नौबत मारपीट तक पहुंच गई थी. इसके बाद बैठक का वीडियो वायरल हो गया था, जिसके चलते बीजेपी की जमकर किरकिरी हुई थी.
वायरल वीडियो में सांसद शरद त्रिपाठी अपने पैर से जूता निकालकर विधायक राकेश बघेल को मारते दिखे थे. इस दौरान विधायक राकेश बघेन ने भी सांसद शरद त्रिपाठी को चांटा मारा था. इसके बाद पुलिस ने दोनों को शांत कराया. फिर विधायक ने अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी किया था.