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29 साल के इस इंजीनियर ने फेल कर दी योगी-बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग

योगी के मजबूत गढ़ को तोड़ा है महज 29 साल के इंजीनियर प्रवीण कुमार निषाद ने. आइए जानते हैं, कौन हैं सपा से सांसद बने प्रवीण कुमार निषाद... 

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प्रवीण कुमार निषाद
प्रवीण कुमार निषाद

यूपी के गोरखपुर संसदीय क्षेत्र के उप-चुनाव में सपा को मिली जीत के साथ ही बीजेपी का एक मजबूत किला दरक गया है. यह सीट करीब 29 साल से यहां के प्रतिष्ठित गोरक्ष मठ यानी गोरखनाथ मंदिर के पास थी और इतने वर्षों के बाद अब जाकर मंदिर से बाहर का कोई व्यक्ति सांसद बना है. योगी के इस मजबूत गढ़ को तोड़ा है महज 29 साल के इंजीनियर प्रवीण कुमार निषाद ने. आइए जानते हैं, कौन हैं सपा से सांसद बने प्रवीण कुमार निषाद...  

साफ दामन और इंजीनियरिंग की पढ़ाई

संतोष उर्फ प्रवीण कुमार निषाद गोरखपुर के कैम्‍पियरगंज क्षेत्र के रहने वाले हैं. उन्होंने यूपी के गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी लखनऊ से 2011 में इंजीनियरिंग किया है. वह पिछड़ी निषाद जाति से आते हैं, जिसका परंपरागत पेशा मत्स्यपालन रहा है. समाजवादी पार्टी ने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए ही निषाद समुदाय से आने वाले प्रवीण को टिकट दिया था. बताया जाता है कि गोरखपुर लोकसभा सीट में निषादों के करीब 3.5 लाख वोट हैं.

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प्रवीण द्वारा जमा किए गए हलफनामे के मुताबिक उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है. उनके पास कोई भी जमीन नहीं है. वे पहली बार चुनाव लड़े हैं. उनकी पत्नी रितिका साहनी सरकारी नौकरी करती हैं. प्रवीण ने अपनी कुल संपत्ति लगभग 11 लाख रुपये बताई है, जिसमें उनके पास 99,000 रुपये की देनदारी भी है. प्रवीण और रीतिका को एक बेटा और एक बेटी है. साल 2008 में बी.टेक करने के बाद 2009 से 2013 तक उन्होंने राजस्थान के भिवाड़ी में एक प्राइवेट कंपनी में बतौर प्रोडक्शन इंजीनियर नौकरी की थी.

विरासत में मिली राजनीति

प्रवीण युवा जरूर हैं, लेकिन राजनीति का सबक उन्हें विरासत में मिला है. उनके पिता पूर्वांचल में पिछड़े वर्ग के मशहूर नेता हैं जिन्होंने साल 2013 में निषाद पार्टी का गठन किया था. इसके पहले प्रवीण निषाद पार्टी के गोरखपुर लोकसभा चुनाव के लिए प्रभारी रहे थे और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी थे. विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल में कई सीटों पर निषाद पार्टी के प्रत्याशियों को 10 हजार से 30 हजार तक वोट मिले थे. निषाद पार्टी ने इस बार उप-चुनाव से पहले सपा के साथ गठजोड़ किया जिसके बाद सपा ने प्रवीण को अपना प्रत्याशी बनाया.

प्रवीण को गोरखपुर के उपचुनाव में कुल 4,56,513 वोट मिले. दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी उम्मीदवार उपेन्द्र शुक्ल को 4,34,625 वोट मिले. साल 2014 के लोकसभा के चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर लगभग 3 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता था.

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