पिछले दिनों आगरा में चर्च पर हमला करने बाद अब एक मंदिर पर हमले की खबर से शहर में तनाव का माहौल है. हमले की खबर के ठीक बाद शमसाबाद में धार्मिक ग्रंथ फाड़े जाने की अफवाह भी फैली, जिसने अफसरों के पसीने छुड़ा दिए.
बताया जाता है कि लोहामंडी के सैय्यद पाड़ा में 1964 में खटीक समाज ने शिव-पार्वती का मंदिर बनवाया था. मंदिर गली कारबान और सैय्यदपाड़ा के बीच है. 'दैनिक जागरण' की खबर के मुताबिक, सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे तीन युवकों ने मंदिर में तोडफोड़ कर दी. खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंच गए.
जानकारी के मुताबिक, मंदिर में पार्वती की करीब डेढ़ फुट की मूर्ति टूटी पड़ी थी. पास में दो आधी-आधी ईंटें भी टूटी पड़ी थीं. टूटी प्रतिमा देखकर लोगों में आक्रोश फैल गया. आनन-फानन में कई थानों से पुलिस बल मौके पर पहुंच गए.
'मारपीट की, फाड़े पन्ने'
दूसरी ओर, गांव बड़ोवरा कला के निवासी हाफिज बशीर अहमद ने कंट्रोल रूम को सूचना दी कि दो युवकों ने मारपीट के बाद धार्मिक पुस्तक के पन्ने फाड़ दिए. उसने दो आरोपियों के नाम भी बताए. एसपी पूर्वी कई थानों के पुलिस फोर्स लेकर गांव पहुंच गए. बशीर का आरोप था कि रविवार को पुलिस ने गांव से अवैध शराब पकड़ी थी.
दूसरे समुदाय के लोग उस पर पुलिस की मुखबिरी का शक कर रहे थे. रात करीब दस बजे दो युवक उसके घर पर आए और उन्होंने मारपीट कर जेब से धार्मिक पुस्तक निकालकर उसके कई पेज फाड़ दिए.
एसएसपी राजेश डी मोदक ने बताया कि मामला दो पक्षों में झगड़े का है. धार्मिक पुस्तक फाड़े जाने की बात सही नहीं है.