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शहरों की भीड़ से छुट्टी लेकर गांव का मजा ले सकेंगे लोग, कुछ ऐसी है UP सरकार की नई पर्यटन नीति

उत्तर प्रदेश में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार पूरी तरह से तैयार है. बुधवार को हुई योगी कैबिनेट की बैठक में नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गई. इसके तहत प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए गांव में भी ‘होम स्टे’ बनाए जाएंगे. गांव के लोग अपने घर को होम स्टे के रूप में विकसित कर सकेंगे.

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UP के गांवों में बनेंगे होम स्टे
UP के गांवों में बनेंगे होम स्टे

यूपी सरकार प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए गांव में भी ‘होम स्टे’ (home stay) को बढ़ावा देगी. लोग अपने घर को होम स्टे के रूप में विकसित कर सकेंगे. अपने घर को लॉज बनाने के लिए भी लोग बदलाव कर सकते हैं. प्रदेश की नई पर्यटन नीति में इसको शामिल किया गया है. बुधवार को योगी कैबिनेट की बैठक में नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गई.

अब उत्तर प्रदेश के गांव में न सिर्फ लोगों को रहने के लिए होम स्टे मिलेगा बल्कि गांव में ही वहां की संस्कृति और खानपान से पर्यटक रूबरू हो पाएंगे. यूपी सरकार की नई पर्यटन नीति के अनुसार गांव में होम स्टे विकसित करने या बड़े आवास को लॉज या होटल के रूप में बदलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा. बुधवार को योगी कैबिनेट की बैठक लखनऊ में हुई, जिसमें नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गई. इसमें प्रमुख रूप से इस बात को शामिल किया गया है.

गांव में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

ऐसा करने के लिए गांव के लोगों को न सिर्फ प्रेरित किया जाएगा बल्कि उनको अपने घर को होम स्टे की सुविधा में ढालने के लिए सुविधाएं भी दी जाएंगी. पर्यटन नीति में इस बात को शामिल किया गया है कि गांव के घरों को होटल और लॉज के रूप में बदला जा सकेगा. इससे प्रदेश में ईको टूरिज्म (Eco tourism) और रूरल टुरिज्म (Rural Tourism) को बढ़ावा मिलेगा. इस बात से गांव में रोजगार के अवसर बढ़ने की भी उम्मीद है.

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शहरों से छुट्टी लेकर गांव का मजा ले सकेंगे लोग 

दरअसल इस प्रस्ताव को ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए तैयार किया गया है. ये देखा गया है कि लोग शहर की जीवन शैली से ब्रेक लेने के लिए न सिर्फ किसी एकांत और अपेक्षाकृत कम भीड़ भाड़ वाले स्थान पर छुट्टियों में जाना चाहते हैं. बल्कि गांव के घर में रह कर छुट्टियों का आनंद लेना चाहते हैं. ऐसे में गांव में जिन लोगों के पास बड़े आवास हैं वो होम स्टे की सुविधा भी दे सकते हैं. साथ ही सरकार भी सुविधाओं से युक्त लॉज और होटल ऐसे स्थानों पर बनवाएगी.

इस प्रस्ताव को लाने के पीछे पर्यटकों को गांव के माहौल में पर्यटन का मौका देना तो है ही, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना भी है. गांव में पर्यटन बढ़ने से न सिर्फ लोकल स्तर पर रोजगार लोगों को मिलेगा, बल्कि स्थानीय उत्पादों की बिक्री भी होगी. स्थानीय स्तर पर हस्तशिल्प बनाने वाले कारीगरों को भी लाभ होगा. पहले से ही यूपी में one district one product (ODOP) योजना लागू है. इसमें सभी 75 जिलों के लिए उत्पाद तय किए गए हैं. इस तरह से पर्यटन को विकसित करने से स्थानीय स्तर पर इन प्रॉडक्ट्स का भी बाजार बढ़ेगा. यूपी में पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड तक अलग-अलग परिवेश होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है जो स्थानीय संस्कृति को देख सकें.

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जरूरी सुविधाओं को मुहैया कराने की तैयारी में सरकार

यूपी सरकार ने इसे लागू करने के लिए तैयारी भी कर ली है. पर्यटक अगर गांव में रुकते हैं तो वहां सुविधाओं और अवस्थापना के विकास के लिए भी सरकार काम करेगी. Wi-Fi की कनेक्टिविटी और बढ़िया अप्रोच रोड के लिए भी सरकार काम करेगी. जिससे पर्यटकों को आकर्षित किया का सके. खासतौर पर कुछ जिलों में गांव और क्षेत्रों का चयन भी इसके लिए हो गया है.

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