प्रयागराज में आज बसंत पंचमी के मौके पर तीसरा और आखिरी शाही स्नान शुरू हो गया है. संगम तट पर आस्था और श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है. हर तरफ से श्रद्धालुओं का रेला तट पर स्नान के लिए चला आ रहा है. अलग-अलग अखाड़े के संत आज आखिरी शाही स्नान पर पुण्य कमाने के लिए डुबकी लगाएंगे. शाही अखाड़ों के स्नान के बाद आम श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि आज करीब 2 करोड़ से भी ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाएंगे. पुलिस प्रशासन ने भी आखिरी शाही स्नान के मौके पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं.
हालांकि कुंभ मेले के अंतिम शाही स्नान बसंत पंचमी पर्व पर शनिवार को सुबह आठ बजे से ही श्रद्धालुओं ने स्नान करना शुरू कर दिया और शाम चार बजे तक 60 लाख से अधिक लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि रविवार को मेले में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दो करोड़ के पार पहुंचने की संभावना है. इसे देखते हुए प्रमुख 10 स्थानों पर 500 अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं. वहीं डीआईजी मेला, केपी सिंह का कहना है कि बसंत पंचमी का मुहूर्त शनिवार सुबह 8:55 बजे से रविवार की सुबह 10 बजे तक है. इसे देखते हुए श्रद्धालुओं का गंगा स्नान सुबह से ही जारी है और बड़ी संख्या में स्नानार्थी कुंभ मेले में आ रहे हैं.
Prayagraj: #Visuals from Triveni Sangam as devotees start to gather here to take holy dip on the festival of #BasantPanchami, and the 3rd and the last 'shahi snan'. #KumbhMela pic.twitter.com/AbrdT0kLWl
— ANI UP (@ANINewsUP) February 10, 2019
केपी सिंह ने कहा कि बीएसएफ की और दो कंपनियां तैनात की गई हैं. शनिवार की मध्य रात्रि से अक्षयवट से त्रिवेणी मार्ग के बीच पांच पांटून पुलों को बंद कर दिया जाएगा. इसके अलावा, रविवार को चार पहिया वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा. मेला की व्यवस्था देख रहे अधिकारी ने बताया कि मौनी अमावस्या पर्व की तरह ही बसंत पंचमी पर भी आठ किलोमीटर के क्षेत्र में 40 घाट स्नान के लिए उपलब्ध रहेंगे. लोगों को सूचना मुहैया कराने के लिए सभी जगह लाउडस्पीकर की व्यवस्था की गई है. अफसरों ने बताया कि संगम लोअर मार्ग, संगम अपर मार्ग और अखाड़ा मार्ग पर विशेष निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष को निर्देश दिए गए हैं.
बसंत पंचमी पर शाही स्नान का महत्व
बता दें कि मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी तीसरा और अंतिम शाही स्नान है. इसके बाद अखाड़ों के साधु अपने अपने गंतव्यों की ओर लौटना शुरू कर देते हैं. हालांकि कुंभ मेला चार मार्च तक चलेगा और उस दिन महाशिवरात्रि के स्नान के साथ यह मेला संपन्न होगा. बसंत पंचमी पर संगम तट पर शाही स्नान का बेहद खास महत्व है. मान्यता है कि आज के दिन तीन बार डुबकी लगाने से श्रद्धालुओं को गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है. ये भी मान्यता है कि त्रिवेणी में जो भक्त मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी के तीसरे शाही स्नान पर भी संगम स्नान करता है, उसे पूर्ण कुंभ स्नान का फल मिलता है.