scorecardresearch
 

अस्पताल के बाहर बेटी की लाश लिए रात भर बैठी रही महिला, नहीं मिली एंबुलेंस

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मां को अपनी ढाई साल की बेटी के शव को लेकर जिला अस्पताल के बाहर रात भर बैठे रहना पड़ा. सिर्फ इस वजह से कि उसके पास वहां मौजूद एंबुलेंस ड्राइवर को देने के लिए पैसे नहीं थे.

Advertisement
X
एंबुलेंस ड्राइवर को देने के लिए नहीं थे पैसे
एंबुलेंस ड्राइवर को देने के लिए नहीं थे पैसे

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मां को अपनी ढाई साल की बेटी के शव को लेकर जिला अस्पताल के बाहर रात भर बैठे रहना पड़ा. सिर्फ इस वजह से कि उसके पास वहां मौजूद एंबुलेंस ड्राइवरों को देने के लिए पैसे नहीं थे. आखिरकार सुबह होने पर उसकी हालत को देखकर कुछ लोगों का दिल पसीजा और चंदा कर प्राइवेट एंबुलेंस से शव को उसके घर तक भेजने की व्यवस्था की गई.

कुछ दिन पहले ओडिशा में दाना मांझी नाम के शख्स को एंबुलेंस ना मिलने की वजह से पत्नी के शव को सिर पर रखकर 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा था. उसकी तस्वीरें और वीडियो सामने आने से पूरा देश हिल गया था.

रात भर बेटी के शव के साथ बिलखती रही मां
बागपत जिले की गौरीपुर निवाड़ा निवासी इमराना के साथ दाना मांझी जैसी घटना घटी. इमराना की बेटी गुलनाद को वायरल बुखार हुआ था. गुरुवार को वो बेटी को लेकर मेरठ जिला अस्पताल पहुंची. वहां से उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. तब तक रात के 12 बज गए थे. वहां से इमराना किसी तरह 200 रुपये में वाहन से शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंची. वहां एंबुलेंस ड्राइवर से उसने शव को घर तक पहुंचाने की गुहार लगाई. लेकिन कथित तौर पर उससे ढाई हजार रुपये मांगे गए.

Advertisement

लोगों ने चंदा कर शव को घर तक पहुंचाया
इमराना ने काफी मिन्नतें की कि उसके पास जो पैसे थे, वो खत्म हो गए हैं. इमराना की डॉक्टरों से फरियाद भी अनसुनी ही रही. इसके बाद बेटी के शव को लेकर इमराना रात भर अस्पताल के दरवाजे पर ही बैठी रही. पूरी रात बिलखती-सुबकती रही. आखिर सुबह होने पर लोगों का उस पर ध्यान गया. फिर उन्होंने आपस में चंदा इकट्ठा कर दो हजार रुपये में निजी एंबुलेंस से शव को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की. गांव में भी लोगों ने चंदा इकट्ठा कर गुलनाद के शव को सुपुर्दे खाक भी किया.

मेरठ के जिलाधिकारी ने इस घटना को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

Advertisement
Advertisement