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वाराणसी: TGT पेपर सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़, UP STF ने परीक्षा के दौरान रंगे हाथ पकड़ा, 3 गिरफ्तार

टीजीटी परीक्षा में दूसरे को परीक्षा में बैठाकर पास कराने वाले एक पेपर सॉल्वर गैंग को पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य सरगना सहित फर्जी और असली परिक्षार्थी, तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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पेपर सॉल्वर गैंग के आरोपियों को एसटीएफ ने किया है गिरफ्तार.
पेपर सॉल्वर गैंग के आरोपियों को एसटीएफ ने किया है गिरफ्तार.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पेपर सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़
  • यूपी STF ने चलाया ऑपरेशन
  • 12 लाख रुपये में हुई थी डील

उत्तर प्रदेश में वाराणसी और प्रयागराज एसटीएफ की संयुक्त टीम ने मिलकर टीजीटी की परीक्षा में दूसरे को परीक्षा दिलवाकर पास कराने वाले सॉल्वर गैंग को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इसमें मुख्य सरगना सहित फर्जी और असली परीक्षार्थी तीनों ही पकड़ लिए गए. अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक पूरा सौदा 12 लाख रुपए में तय हुआ था. पकड़ा गया सॉल्वर गैंग बड़े पैमाने पर प्रतियोगी परीक्षाओं में दूसरों को बैठाकर परीक्षा पास कराने का ठेका लेता था.

प्रदेश स्तर पर होने वाली रविवार को प्रशिक्षित स्नातक जीव विज्ञान शिक्षक (TGT) परीक्षा 2016 के अन्तर्गत लिखित परीक्षा आयोजित की जा रही थी. तभी वाराणसी पहुंची एसटीएफ टीम प्रयागराज को सूचना मिली कि कैंट स्टेशन, वाराणसी के पास आज आयोजित होने वाली परीक्षा में मूल अभ्यर्थी की जगह पर सॉल्वर उपलब्ध कराने वाले गिरोह का सरगना मौजूद है.

एसटीएफ फील्ड युनिट, वाराणसी टीम को इसकी सूचना दी गई और सॉल्वर गैंग के सरगना समेत 2 लोगों को धर दबोचा गया. यह परीक्षा वल्लभपीठ बालिका इंटर कॉलेज स्थित केंद्र पर हो रही थी. परीक्षा केंद्र पर मौजूद रविंद्र चौरसिया के समेत 3 लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया. इनके पास से फर्जी आधार कार्ड, एडमिट कार्ड, ओएमआर शीट, मोबाइल फोन और ड्राइविंग लइसेंस बरामद किया गया है.

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गिरोह में शामिल हैं कई लोग

गिरोह सरगना अशोक कुमार पाल ने पूछताछ में बताया कि इस गैंग में कई लोग शामिल हैं. संदीप विश्वकर्मा, डॉक्टर बृजेश पाल के साथ आरोपी एक संगठित गैंग चलाता है. अलग-अलग परीक्षाओं में लोगों को पास कराने का ठेका लिया जाता है. इसमें एक पेपर सॉल्वर भी होता है. एक पेपर आउट कराने वाला होता है. फोटो मिक्सिंग करने का काम भी किया जाता है. परीक्षा पास करने के लिए 12 से 15 लाख रुपये वसूले जाते हैं.

12 लाख रुपये में हुई थी डील

आरोपी ने कहा कि रविंद्र चौरसिया (प्रॉक्सी कैंडीडेट) को पैसों के एवज में सॉल्वर के तौर पर परीक्षा देने के लिए भेजा गया था, जहां से अभ्यर्थी सुनील कुमार पाल के स्थान पर परीक्षा दे रहे रविन्द्र चौरसिया सहित दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में अभियुक्त अशोक कुमार पाल ने कहा कि सुनील कुमार पाल पहले ही उससे परिचित था. सुनील पाल ने टीजीटी 2016 स्नातक जीव विज्ञान परीक्षा फार्म भरा था. परीक्षा में पास कराने के लिए डाक्टर बृजेश पाल को बुलाया गया. यह डॉक्टर है और पतंजलि क्लीनिक सेन्टर में काम भी करता है. सुनील पाल से कुल 12 लाख रुपये की मांग की गई थी, जिसमें से एडवांस में 40 हजार रुपये वसूल लिए गए थे.

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मुख्य आरोपी ने कबूला गुनाह

मुख्य सरगना अशोक ने कहा, 'मैं सुनील पाल और डाक्टर बृजेश पाल वाराणसी आकर होटल में रुके थे. मैंने एक और अभ्यर्थी आशीष कुमार पाल को 12 लाख रूपये में डाक्टर बृजेश पाल से परीक्षा पास कराने के लिए बात की थी, जिसके लिए 40 हजार रुपये बृजेश पाल के खाते में डाल दिए थे. अभ्यर्थी आशीष कुमार पाल की बात डाक्टर बृजेश पाल से हुई थी. वह बृजेश पाल के साथ था. उसके बारे में सारी जानकारी डाक्टर बृजेश पाल को है. डाक्टर बृजेश पाल सेन्टर पर ही कुछ दूर पर खड़ा था. पुलिस को देखकर वह मौके से फरार हो गया.'

नीट की तैयारी करता है आरोपी रविंद्र

गिरफ्तार आरोपी रविन्द्र चौरसिया ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह कानपुर में रहकर नीट की तैयारी करता है. सुनील पाल की जगह वह परीक्षा दे रहा था, जिसके एवज में 15 हजार परीक्षा के बाद मिलने वाला था. बृजेश पाल ने उसे यह काम करने को कहा था. 30 जुलाई को उसे फोन आया था कि वाराणसी चले आओ. रविंद्र सुबह ही वाराणसी पहुंचा था. परीक्षा केंद्र पर बृजेश कुमार पाल मिला. उसी ने एडमिट कार्ड और आधार कार्ड मुहैया कराया.

वाराणसी पुलिस ने दर्ज किया है केस

गिरफ्तार अभ्यर्थी सुनील पाल ने पूछताछ में कहा कि वह अशोक कुमार पाल को पहले से जानता है. करीब 20 दिन पहले टीजीटी परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी होने के बाद अशोक कुमार पाल से उसकी बातचीत हुई थी. अशोक ने 12 लाख में डील तय किया था. 40 हजार रुपये भी ले लिए थे. आरोपी सुनील की जगह को किसी को बैठाकर परीक्षा देने वाला था. वाराणसी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. आगे की कार्यवाही की जा रही है.
 

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इसलिए नहीं केंद्र पर पकड़ा गया आरोपी!

इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर मुक्ता पांडेय ने आजतक में बातचीत से कहा कि उनके इंटर कॉलेज से टीजीटी का एक फर्जी परीक्षार्थी दूसरे की जगह पर परीक्षा दे रहा था, जिसे एसटीएफ ने पकड़ लिया है. परीक्षार्थी इसलिए स्कूल की चेकिंग में पकड़ में नहीं आया क्योंकि उसने अपने आधारकार्ड में मूल परीक्षार्थी की जगह अपनी फोटो लगाई थी और तो और अटेंडेंस की लिस्ट में भी मूल परीक्षार्थी की तस्वीर काफी धुंधली थी.
 

 

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