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सुरेंद्र कोली से जेल में जाकर मिली उसकी मां, पंढेर की फांसी की मांग की

मेरठ जेल में बंद सुरेंद्र कोली से मिलने गुरुवार को उसकी मां कुंती देवी मेरठ जेल पहुंची. मीडिया के सामने कोली की मां ने कोली को निर्दोष बताते हुए मोनिंदर पंढेर को भी फांसी दिए जाने की मांग की.

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सुरेंद्र कोली
सुरेंद्र कोली

मेरठ जेल में बंद सुरेंद्र कोली से मिलने गुरुवार को उसकी मां कुंती देवी मेरठ जेल पहुंची. मीडिया के सामने कोली की मां ने कोली को निर्दोष बताते हुए मोनिंदर पंढेर को भी फांसी दिए जाने की मांग की.

कोली की मां ने कहा कि कोली तो मोनिंदर पंढेर के घर नौकरी करता था और उसे गलत फंसाया गया है. कोली की मां ने कहा कि पहले मोनिंदर पंढेर को फांसी दी जाए और फिर खुद उसको और उसके बाद कोली को फांसी दी जाए. लगभग आठ साल बाद कोली से मिलने आज उसकी मां सुबह साढ़े नौ बजे के करीब मेरठ जेल पहुंची और कोली के लिए फल भी साथ लाई. कोली की मां को कोली से जेल पर मिलाने का काम अल्मोड़ा के जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत के प्रयास से हुआ. नारायण सिंह रावत ने भी कोली को निर्दोष बताते हुए कोली मामले सीबीआई की जांच पर भी सवाल खड़े किये.

आपको बता दें कि 2005 से निठारी से लगातार लापता हो रहे बच्चों के मामले से नोएडा का निठारी चर्चा में आया था. 29 दिसंबर 2006 को नोएडा पुलिस ने डी-5 कोठी में बच्चों के मारे जाने का खुलासा करते हुए कोठी मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर लिया था. कोठी से बच्चों और एक युवती के कपड़े, चप्पलें, कंकाल बरामद हुए थे. बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.

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1 मार्च 2007 को कोली का इकबालिया बयान कोर्ट में दर्ज कराया गया था. कोली को 13 फरवरी 2009 को रीना हलदर (काल्पनिक नाम) के कत्ल के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई थी. उसके बाद 2012 तक दूसरे मामलों की सुनवाई चली. 24 दिसंबर 2012 को उसे हत्या के पांचवें मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद कोली ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में फैसले के खिलाफ याचिका दायर की लेकिन कोर्ट ने भी उसकी फांसी की सजा बरकरार रखी थी. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा बरकरार रखी तो उसने राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई थी, लेकिन यहां से भी उसकी गुहार को खारिज कर दिया गया.

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