आपने बहुत से डॉग लवर देखे होंगे, जो अलग-अलग नस्ल के डॉगी के शौकीन होते हैं, लेकिन ऐसा शख्स शायद ही देखा होगा जो सड़क पर आवारा घूम रहे कुत्तों से भी उतना ही लगाव रखे. लेकिन ऐसे लोग भी समाज में मौजूद हैं जो आवारा जानवरों से भी हमदर्दी रखते हैं. इसकी मिसाल गाजियाबाद के रामप्रस्थ ग्रीन्स कैंपस में देखने को मिलती है, जहां सड़क पर घूमने वाले आवारा या स्ट्रे डॉग्स के लिए भी स्पेशल घर बनाया गया है.
गाजियाबाद में बसी यह सोसाइटी 100 एकड़ में फैली है और यहां सड़क पर घूमने वाले स्ट्रे डॉग्स के लिए 25 घर बनाए गए हैं. यहां बाकायदा उनके तीन टाइम खाने की व्यवस्था की गई है. गाजियाबाद के पॉश इलाकों में स्ट्रे डॉग्स की बढ़ती समस्या पर जब सरकारी विभागों ने ध्यान नहीं दिया तो रामप्रस्थ ग्रुप की ओर से ये पहल की गई. सोशल मीडिया पर इस पहल की काफी चर्चा है. सोसाइटी में 2 दर्जन से ज्यादा डॉग्स हाउस बना दिए गए हैं और उनका जिम्मा उठाया जा रहा है.
खाने-पीने के साथ लाइट का भी इंतजाम
वैशाली की पॉश रामप्रस्थ ग्रीन्स कैंपस ग्रुप सोसाइटी में स्ट्रे डॉग्स के लिए 25 पक्के घर बनाए गए हैं. इनमें सोसायटी के 70 से ज्यादा स्ट्रे डॉग्स रह रहे हैं. इन हाउस में डॉग्स के रहने, खाने-पीने के साथ लाइट की भी व्यवस्था की गई है. सोसाइटी की एक महिला इनकी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी उठा रही है. सोसायटी के लोगों का भी इसमें काफी सहयोग मिलता है. इस अनूठी पहल के पीछे की सोच चाहे जो हो लेकिन रेजिडेंट्स से लेकर आपपास के इलाके में इसकी खूब चर्चा है.
प्रधानमंत्री ने की थी अपील
रामप्रस्थ ग्रुप के वरिष्ठ जनरल मैनेजर भास्कर गांधी का कहना है कि 4 महीने पहले देश के प्रधानमंत्री ने भी लोगों से अपील की थी कि स्ट्रे डॉग्स की देखभाल के लिए स्थानीय लोगों को आगे आना चाहिए. इसी बात से प्रेरित होकर सोसाइटी में स्ट्रे डॉग्स के लिए इस तरह के ग्रीन हाउस बनाए गए हैं.
आपको ये भी बता दें कि गाजियाबाद के कई पॉश सोसाइटी में आवारा कुत्तों के घूमने को लेकर घमासान मचा हुआ है. कई सोसाइटी में आवारा कुत्तों के साथ मारपीट की खबरें भी आती रहती हैं. ऐसे कई मामले पुलिस तक भी पहुंचे थे. ऐसे में स्ट्रे डॉग्स के लिए की गई इस व्यवस्था की काफी तारीफ हो रही है, क्योंकि सरकारी विभागों ने तमाम शिकायतों के बावजूद कोई व्यवस्था करने की जहमत नहीं उठाई.
रह सकेंगे सौ डॉग्स
भास्कर गांधी के मुताबिक, स्ट्रीट डॉग्स को लेकर सोसाइटी में काफी विवाद और शिकायतें होती हैं लेकिन समाज में अब भी कुछ ऐसी सोच वाले लोग हैं जो पशु-पक्षियों के लिए हमदर्दी रखते हैं और उनकी देखरेख कर सकते हैं.