आतंकी यासीन भटकल की हिमायत करने वाले समाजवादी पार्टी नेता कमाल फारुकी को अपने विवादित बयान की कीमत पार्टी में अपना पद खोकर चुकानी पड़ी है. उन्हें पार्टी राष्ट्रीय सचिव के पद से हटा दिया गया है.
फारुकी ने कहा था कि 'आतंकी भटकल पर कार्रवाई सिर्फ इसलिए ना हो कि वो मुसलमान है. अगर वो आतंकवादी है, तब तो उसे माफ नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन अगर उसे सिर्फ एक मुसलमान होने के नाते गिरफ्तार किया गया है तब हमें एहतियात बरतनी होगी क्योंकि ऐसे किसी भी काम से पूरे संप्रदाय में गलत संदेश जाएगा. उन्होंने कहा था कि दोष साबित होने से पहले उसे आतंकवादी कहना ठीक नहीं है.'
उनके इस बयान की ना सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने निंदा की थी बल्कि सपा ने भी पल्ला झाड़ लिया था.