बिजनौर के एक मकान में 12 सितंबर को जोरदार धमाका हुआ, जिसकी गूंज दिल्ली में बैठे खुफिया एजेंसियों के कानों तक पहुंच गई. 12 सितंबर को करीब 10 बजे बिजनौर में धमाका हुआ, लेकिन पुलिस मौके पर पहुंचती उससे पहले घर में मौजूद सारे लोग फरार हो गए.
आतंक रोधी दस्ते ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की तो घर से भारी मात्रा में बारूद बरामद हुआ. घर के अंदर से लैपटॉप और मोबाईल फोन बरामद हुआ. तफ्तीश में पता चला के कुछ दिन पहले ही 4 लड़कों ने घर किराए पर लिया गया था और इसके लिए उन्होंने गलत नाम-पता बताया था.
सूत्रों से जो जानकारी मिली है वो चौंकाने वाली है. सूत्रों का दावा की बिजनौर के घर में जो लड़के मौजूद थे वो कोई और नहीं बल्कि 1 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की खंडवा जेल तोड़कर भागे सीमी के 6 आतंकियों में से थे.
यही नहीं, घर के अंदर IED बनाई जा रही थी, लेकिन केमिकल ज्यादा मिलने की वजह से धमाका हो गया. सूत्रों के मुताबिक 3-3 के ग्रुप में मौजूद सीमी के ये आतंकी जेल से फरार होने के बाद 11 जुलाई को पुणे पहुंचे और वहां पर मोटर साइकिल में बम फिट कर एक पुलिस स्टेशन के पास धमाका किया और फरार हो गए.
उसके बाद सीमी के इन आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर में नाम-पता बदलकर अपना पता बना लिया. ये आतंकी बिजनौर में रहकर मोटरसाइकिल से दिल्ली में आकर रेकी करते और वापस चले जाते थे. घर में 7 किलो से ज्यादा बारूद बरामद हुआ. दावा ये भी है कि बम उत्तर प्रदेश के उपचुनाव के दिन धमाका करने के लिए तैयार किया जा रहा था. साथ ही दिल्ली में भी उस दिन धमाके की तैयारी थी.
आतंकी अपने अंजाम में कामयाब हो भी जाते अगर घर के अंदर ये धमाका नहीं होता. 1 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश की खंडवा जेल तोड़कर ये 6 आतंकी फरार हुए थे. मामले की जांच एनआईए के पास है साथ ही पूरे देश की पुलिस इनकी तलाश में है. बावजूद इसके आतंकी घूम-घूमकर बम धमाके कर रहे हैं.