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'हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए...' लिखने वाले दुष्यंत कुमार का पैतृक आवास बनेगा संग्रहालय

खंडहर बचे हुए हैं, इमारत नहीं रही, अच्छा हुआ कि सर पे कोई छत नहीं रही... लिखकर लोगों के एहसासों को छू लेने वाले दुष्यंत कुमार का आवास अब संग्रहालय बनाया जाएगा. इसकी प्रक्रिया शुरू है, जल्द काम भी शुरू कर दिया जाएगा.

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दुष्यंत कुमार के आवास का निरीक्षण करते अधिकारी   फोटो: आजतक
दुष्यंत कुमार के आवास का निरीक्षण करते अधिकारी फोटो: आजतक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • खंडहर में तब्दील होने लगा था दुष्यंत कुमार का आवास
  • डीएम ने कायाकल्प अभियान चलाकर शुरू की पहल

हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए... जैसी कविताएं लिखकर राजनीतिक में हलचल मचाने वाले लेखक दुष्यंत कुमार के पैतृक आवास को संग्रहालय बनाया जाएगा. दुष्यंत कुमार का पैतृक आवास उत्तर प्रदेश के बिजनौर के गांव राजपुर नवादा में है. इस आवास को अब सरकार और प्रशासन संग्रहालय के रूप में परिवर्तित करने जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की सहमति भी मिल चुकी है. खंडहर में तब्दील होने जा रहे इस आवास के कायाकल्य की प्रशासन ने तैयारी कर ली है. इसकी डीपीआर बनाने का काम विभाग को सौंपा गया है, ताकि जल्द से जल्द डीपीआर बने और उसको स्वीकृति के लिए संस्कृति मंत्रालय भेजा जा सके.

डीएम उमेश मिश्रा की पहल पर शुरू हुआ आवास का कायाकल्प

कैसे आकाश में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों... कहने वाले महान लेखक/कवि दुष्यंत कुमार बिजनौर की नजीबाबाद तहसील में गांव राजपुर नवादा के रहने वाले थे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा इसी गांव में हुई थी. उनके गांव का आवास उनके भोपाल चले जाने के बाद खंडहर में तब्दील होने लगा था. कुछ समय पहले बिजनौर में पदस्थ हुए डीएम उमेश मिश्रा ने पुरानी धरोहरों को संवारने का काम शुरू किया, जिसमें सबसे पहले उन्होंने विदुर कुटी का कायाकल्प कराया. अब उन्होंने दुष्यंत कुमार के पैतृक आवास को संग्रहालय में परिवर्तित करने के लिए कार्य शुरू किया कराया. 

डीएम उमेश कुमार ने एमएलसी अश्वनी त्यागी और दुष्यंत कुमार के दोनों बेटे आलोक कुमार और कर्नल अपूर्व त्यागी का सहयोग लेते हुए उनसे पूरी जानकारी ली. इस घर को संग्रहालय में परिवर्तित करने की अनुमति मांगी. इसके बाद उनके दोनों बेटों ने यह जमीन उनको देने का आश्वासन दिया. एमएलसी अश्वनी त्यागी ने भी डीएम का सहयोग करते हुए केंद्र के संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से संग्रहालय को लेकर चर्चा करते हुए घर को संग्रहालय में परिवर्तित करने के लिए सहयोग मांगा. केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन मेघवाल ने डीएम उमेश मिश्रा से बात कर संग्रहालय बनाने के लिए कार्य योजना भेजने के आदेश दिए.

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पार्क में लगाई जाएगी दुष्यंत कुमार की प्रतिमा

डीएम बिजनौर उमेश मिश्रा ने बताया कि गजलकार दुष्यंत कुमार के पैतृक आवास को संग्रहालय में बदलने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय से सहमति मिल चुकी है. इसकी डीपीआर तैयार कराई जा रही है, जिसमें दुष्यंत कुमार के घर और बैठक को इसमें शामिल किया गया है, जिसमें घर का संरक्षण और संग्रहालय वाचनालय और पार्क बनाया जाएगा. इसके साथ ही पार्क में दुष्यंत कुमार की एक प्रतिमा भी लगवाई जाएगी. यह कार्य योजना तैयार करने के लिए विभाग को जिम्मेदारी दे दी गई है. इसमें 80% खर्च केंद्र सरकार का होगा. 20% जिला प्रशासन द्वारा वहन किया जाएगा.

30 दिसंबर को होती है दुष्यंत कुमार की पुण्यतिथि

30 दिसंबर को दुष्यंत कुमार की पुण्यतिथि भी है. इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन भी कराया जाएगा. डीएम उमेश मिश्रा के अनुसार, दो दिन पहले दुष्यंत कुमार के दोनों पुत्र आलोक कुमार और अपूर्व त्यागी, एमएलसी अश्वनी त्यागी के साथ इसी मामले को लेकर उनसे मिले. पूरे मामले पर चर्चा की. उन्होंने उनके दोनों पुत्रों के साथ गांव राजपुर नवादा में जाकर उनके पैतृक आवास का निरीक्षण भी किया. लोगों से बातचीत भी की. उसको देखने के बाद कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं. पैतृक आवास को संग्रहालय में परिवर्तित करने के लिए उनके दोनों पुत्रों ने अपनी सहमति भी दे दी है.

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दुष्यंत के नाम पर पुलिस चौकी

आवास को कैसे और अच्छा किया जा सके, इसके लिए लोगों से सुझाव भी मांगे जा रहे हैं. पुलिस अधीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने क्षेत्र की पुलिस चौकी का नाम 'दुष्यंत कुमार पुलिस चौकी' रखा है. इसी तरह उनके गांव में अब बड़ा गेट बनाया जा रहा है, जो ग़ज़लकार का दुष्यंत कुमार के नाम पर बन रहा है.

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