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टीचर दुल्हन को हेलीकॉप्टर में बिठाकर ले गया दूल्हा

रामपुर में इस बात की खूब चर्चा थी कि अमरोहा से आया दूल्हा निकाह के बाद अपनी दुल्हन को शाही अंदाज में हेलीकॉप्टर में बिठकार ले जाएगा. बारात आने से पहले ही लोगों में उत्सुकता थी.

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हेलीकॉप्टर पर सवार दूल्हा-दुल्हन
हेलीकॉप्टर पर सवार दूल्हा-दुल्हन

रामपुर में इस बात की खूब चर्चा थी कि अमरोहा से आया दूल्हा निकाह के बाद अपनी दुल्हन को शाही अंदाज में हेलीकॉप्टर में बिठकार ले जाएगा. बारात आने से पहले ही लोगों में उत्सुकता थी. दुल्हन पक्ष के लोगों ने दूल्हा और बारात के आने की तैयारियां भी उसी जोश और शिद्दत से की थी. जब विदाई का वक्त आया तो पेशे से टीचर दुल्हन और किसान दूल्हे के चेहरे पर हवाई यात्रा की खुशी साफ देखी जा सकती थी.

यूपी के रामपुर की शाहबाद तहसील के ओसी गांव की आयशा की शादी अमरोहा के शजर खान से तय हुई थी. आयशा पेशे से अध्यापक है तो शजर खान एक किसान. शजर खान और उसके परिजनों ने शादी को यादगार बनाने के लिए दुल्हन की विदाई हेलीकॉप्टर से तय की. दूल्हा शजर अपनी ख्वाबों की शहजादी आयशा को शाही अंदाज में लाने के लिए हेलीकॉप्टर से गांव पहुंचा. गांव में उड़नखटोले के उतरने के लिए हैलीपेड बनाया गया. बुधवार दोपहर आसमान में गड़गड़ाहट हुई तो समूचा गांव खुशी और उत्साह से झूम उठा.

चमचमाती आंखों के बीच आयशा के ख्वाबों का शहजादा शजर खान हेलीकॉप्टर से बाहर निकला और निकाह के रस्म की अदायगी के बाद दुल्हनिया आयशा के साथ उड़नखटोले में सवार होकर नजरों से ओझल हो गया. वर्षों पहले शजर खान की स्वर्गीय मां सुन्नत बेगम ने अपनी बहू को शाही अंदाज में विदा कर लाने का ख्वाब देखा था, वहीं आयशा के स्वर्गीय पिता जमशेद खान ने भी बेटी की रुखसती को लेकर कुछ ऐसे ख्वाब संजोए थे.

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