बेमौसम बारिश की वजह से बर्बाद हुई फसलों के चलते न सिर्फ किसान आत्महत्या कर रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में आगरा मेंटल हॉस्पिटल का रुख कर रहे हैं.
आगरा के जाने माने मेंटल हेल्थ एंड हॉस्पिटल (आईएमएचएच) आने वाले मरीजों की संख्या में पिछले एक महीने में 33 फीसदी का इजाफा हुआ है. अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने इस आशय की खबर प्रकाशित की है.
डॉक्टरों ने सोमवार को कहा, 'इलाज के लिए संस्थान आने वाले ज्यादातर नए मरीजों में गहरे अवसाद के शिकार किसान है. इन लोगों को बेमौसम बारिश की वजह से भारी नुकसान हुआ है और बैंक का कर्ज उतारने के लिए उनके पास कोई रास्ता नहीं है. जैसा कि देश के छोटे किसानों के बीच कर्ज का यह मसला आम है.'
मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा, 'ज्यादातर में आत्महत्या के रुझान देखे गए हैं.' आईएमएचएच अब किसान मरीजों के इलाज के लिए जल्द ही एक नया क्लिनिक शुरू करने जा रहा है.
इसके अलावा डॉक्टरों ने किसानों की स्थिति का जायजा लेने के लिए गांवों का दौरा करने का निर्णय किया है. ताकि कुछ किसानों का इलाज घर पर ही किया जा सके.
आईएमएचएच के डायरेक्टर सुधीर कुमार ने कहा, 'इस तरह का पहला मौका है. हमने पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर बर्बादी नहीं देखी. हमारे गांवों में एक बहुत ही मजबूत सपोर्ट सिस्टम है. गांव के लोग एक साथ बैठकर मसले सुलझा लेते हैं.'
उन्होंने कहा, 'मौजूदा स्थिति में सभी किसान परेशानी का सामना कर रहे हैं. हमारा मुख्य काम उन्हें यह बताना है कि हम उनके साथ है. समाज उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकता.'
आम तौर पर एक दिन में आईएमएचएच की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 300 होती है, लेकिन यह आंकड़ा पिछले एक महीने में बढ़कर 400 हो गया है और इनमें से ज्यादातर नए मरीज किसान हैं.'