यूपी की योगी सरकार पर लगातार हमले बोलती रहने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पुलिस की कथित बर्बरता का एक और मुद्दा उठाया है. प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें एक व्यक्ति की पीठ पर ढेर सारे जख्म नजर आ रहे हैं. अपनी पोस्ट में प्रियंका गांधी ने इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है.
प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, "बलिया में पन्ना राजभर को पीट-पीट कर पुलिस ने पीठ छलनी कर दी. रायबरेली में मोहित रैदास को पुलिस ने इतना पीटा कि उसकी मृत्यु हो गई. श्रावस्ती में पुलिस के टॉर्चर से वारिस अली की मृत्यु हो गई. भाजपा सरकार में गजब अंधेरगर्दी मची हुई है. एक तरफ अपराध बढ़ रहे हैं, दूसरी तरफ पुलिस द्वारा आम लोगों के टॉर्चर की घटनाएं सामने आ रही हैं. कैसा जंगलराज है ये?"
इससे पहले प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधने के लिए दो सितंबर को एक ट्वीट भी किया था. उस ट्वीट में प्रियंका गांधी ने दलित उत्पीड़न को मुद्दा बनाया था. प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा था, "उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न, दलितों की हत्या की बड़ी वारदातें हो रही हैं. महोबा, आगरा, गोरखपुर, रायबरेली, हरदोई. क्या बीजेपी सरकार ये बताने का कष्ट करेगी कि दलित उत्पीड़न की घटनाएं प्रदेश में क्यों नहीं रुक रहीं? प्रदेश सरकार इन घटनाओं को नजरअंदाज करना बंदकर, अब एक्शन ले और जवाब दे."
इससे पहले औरेया जिले में एलआईसी एजेंट मनोज दुबे की किडनैपिंग और हत्या पर भी प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमला किया था. प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था कि यूपी पुलिस इस किडनैपिंग केस को 5 दिन तक गुमशुदगी साबित करने में जुटी रही और आखिरकार उनकी हत्या हो गई.
प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा था, "औरैया में मनोज दुबे की हत्या हो गई. उनके परिवारजनों का वीडियो देखकर बहुत दुख हुआ. परिजनों और पत्रकारों के अनुसार अपहरण के इस केस को पुलिस 5 दिन तक गुमशुदगी साबित करती रही और हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. क्या यही यूपी सरकार का अपराध कम करने का तरीका है?"